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कोरोना राहत से जुड़े कामों के लिए फंड में 5 दिन में 3076 करोड़ आए, चिदंबरम ने पूछा- सरकार दान देने वालों के नाम क्यों नहीं बता रही?

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नई दिल्लीएक मिनट पहले

मोदी सरकार ने 28 मार्च को पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के तौर पर यह फंड बनाया था। इसका मकसद कोरोना जैसी इमरजेंसी से निपटने का इंतजाम करना था। -फाइल फोटो

  • फंड 27 मार्च को बनाया गया और 31 मार्च तक इसमें सबसे ज्यादा पैसे आए, 3075.85 करोड़ रु देश से और 39.67 लाख रु. विदेश से आए
  • 2.25 लाख रु. से शुरु हुए इस फंड को अब तक इंटरेस्ट के तौर पर 35 लाख रु. भी मिले हैं, सरकार ने वेबसाइट पर स्टेटमेंट अपलोड किया

कोरोना राहत से जुड़े कामों के लिए बनाए गए पीएम केयर्स फंड में 5 दिन में 3076 करोड़ रुपए आए। फंड 27 मार्च को बनाया गया और 31 मार्च तक इसमें सबसे ज्यादा पैसे आए। फंड में आए 3076 करोड़ रुपए में से 3075.85 करोड़ रु. देश के लोगों ने दिए। विदेशों से इसमें 39.67 लाख रुपए आए। केंद्र सरकार की ओर से जारी ऑडिट रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। 2.25 लाख रु. से शुरु हुए इस फंड को अब तक ब्याज के रूप पर 35 लाख रु. भी मिले हैं।

फाइनेंशिल ईयर 2020 के इस स्टेटमेंट को फंड की ऑफिशियल वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। हालांकि, स्टेटमेंट में नोट 1 से लेकर 6 तक की जानकारी नहीं दी गई है। इस पर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सवाल उठाए हैं।

दान देने वालों के नाम क्यों नहीं बताए: चिदंबरम

पी चिदंबरम ने ट्वीट किया- पीएम केयर्स फंड के ऑडिटर्स ने ये तो बता दिया फंड में कितने पैसे आए, लेकिन इसमें किसने दान दिया है, उनके नामों का खुलासा नहीं किया गया। क्यों? सभी एनजीओ और ट्रस्ट को अपने डोनर्स और उनकी ओर से दी गई रकम बताना जरूरी है। पीएम केयर्स फंड को आखिर इससे क्यों छूट दी गई है?

पीएम केयर्स फंड क्या है?

सरकार ने 28 मार्च को पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के तौर पर यह फंड बनाया था। इसका मकसद कोरोना जैसी इमरजेंसी से निपटने का इंतजाम करना था। कोरोना काल में कॉरपोरेट से लेकर इंडिविजुअल तक ने इस फंड में डोनेशन दिया।

पीएम केयर्स फंड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई थी याचिका

सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) एनजीओ पीएम केयर्स फंड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में में पिटीशन लगाई थी। सीपीआईएल का कहना था, ‘पीएम केयर्स फंड बनाकर सरकार ने आपदा प्रबंधन कानून की अनदेखी की है। पीएम केयर्स फंड में जो भी रकम मिली है, उसे एनडीआरएफ में ही ट्रांसफर किया जाए।’ हालांकि, जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने कहा, ‘पीएम केयर्स फंड का पैसा एनडीआरएफ में ट्रांसफर करने का आदेश नहीं दे सकते। ये दोनों अलग-अलग फंड हैं। कोई व्यक्ति एनडीआरएफ में कॉन्ट्रीब्यूशन देना चाहे तो उस पर पाबंदी नहीं है। नई आपदा राहत योजना की भी जरूरत नहीं है।’

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