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- 1 Out Of Every 10 People Unemployed In Urban Areas, Unemployment Situation Is Worst In These States
नई दिल्ली17 मिनट पहले
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पिछली दो तिमाहियों से भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती देखी जा रही है।
- अगस्त में ग्रामीण बेरोजगारी की दर 7.65 फीसदी रही, जो जुलाई (6.66 फीसदी) के मुकाबले अधिक है
- पहली तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ में 23.9 फीसदी की गिरावट आई है
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआई) के द्वारा जारी बेरोजगारी के नए आंकड़ों ने निराश किया है। अगस्त में शहरी बेरोजगारी 10 फीसदी के पास रही। फॉर्मल सेक्टर में इस महीने भारत की बेरोजगारी दर सबसे बुरा हाल रहा। लॉकडाउन के बाद जुलाई में बेरोजगारी के आंकड़ों में गिरावट देखी गई थी।
रोजगार के अवसर कम हुए
लॉकडाउन में मिली छूट के चलते अनुमान था कि रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, लेकिन सीएमआई द्वारा जारी बेरोजगारी के आंकड़े अगस्त में बेहतर नहीं आए है। आंकड़ों के मुताबिक शहरी बेरोजगारी की दर जुलाई में 9.15 फीसदी रही थी, लेकिन अगस्त में यह आंकड़ा बढ़कर 9.83 फीसदी हो गई है। बेरोजगारी की दर 9.83 फीसदी तक पहुंचने का अर्थ है कि शहरी क्षेत्र में हर 10 में 1 शख्स को नौकरी नहीं मिल रही है।
ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी
यही हाल ग्रामीण क्षेत्रों का भी है। अगस्त में बेरोजगारी की दर 7.65 फीसदी रही, जो जुलाई में बेरोजगारी दर 6.66 फीसदी के मुकाबले अधिक है। बेरोजगारी के मामले में सबसे बुरा हाल हरियाणा राज्य का है, राज्य में बेरोजगारी दर 33.5 फीसदी है। इसके बाद त्रिपुरा नंबर आता है, जहां बेरोजगारी की दर 27.9 फीसदी है। राजस्थान और गोवा में बेरोजगारी दर क्रमश: 17.5 फीसदी और 16.2 फीसदी है।
अगस्त में बढ़ी बेरोजगारी
अगस्त में जारी बेरोजगारी के आकड़े प्री-कोविड महीनों की तुलना में भी अधिक है। बेरोजगारी दर फरवरी में 8.65 फीसदी, जनवरी में 9.70 फीसदी और दिसंबर में 9.02 फीसदी था, जो अगस्त के मुकाबले कम है। इस दौरान राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 7.76 फीसदी और 7.60 फीसदी के बीच मंडरा रही थी। वहीं अगस्त में राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 8.35 फीसदी रही, जो जुलाई में आए 7.43 फीसदी की तुलना अधिक है। जून में यह 10.99 फीसदी पर पहुंच गई थी।
जीडीपी ग्रोथ में गिरावट
हाल ही में जारी जीडीपी के आंकड़े भी निराशाजनक रहे। पहली तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ में 23.9 फीसदी की गिरावट आई है। पिछली दो तिमाहियों से भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती देखी जा रही है। मैन्यूफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन, बिजनस, होटल, ट्रांसपोर्ट सेक्टर जो देश की जीडीपी में 45 फीसदी की हिस्सेदारी रखते हैं, वे लॉकडाउन के चलते प्रभावित हुए हैं। इनकी स्थिति अभी सुधरी नहीं हुए है।
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