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- India China Border Tension | China People Liberation Army Laying Fibre Optic Cables On Along Line Of Actual Control Near Pangong Tso Lake
नई दिल्ली19 मिनट पहले
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- पैंगोंग सो और गोगरा-हॉट स्प्रिंग इलाके से चीन अपनी सेना पीछे हटाने के लिए तैयार नहीं
- सीमा विवाद के बीच हालात सुधारने के लिए एक-दूसरे के संपर्क हैं भारत और चीन
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर गतिरोध जारी है। इसी बीच चीन ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एनएसी) के आसपास 5जी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना शुरू कर दिया है। यहीं नहीं चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने पैंगॉन्ग सो झील के पास सैनिकों के लिए बैरकों के अलावा अन्य निर्माण करने में भी लगा हुआ है।
डेमचोक में 5जी इंफ्रास्ट्रक्चर में कर रहा काम
खुफिया सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी ने बताया कि चीन द्वारा अगस्त के पहले हफ्ते में एलएसी के विवादित इलाके डेमचोक में 5जी के लिए निर्माण किया जा रहा है। एजेंसी ने पाया कि चीन एलएसी पर फाइबर ऑप्टिकल केबल बिछा रहा है।
एजेंसी ने अलर्ट किया है कि सीमा से पीछे हटने के दावे के बीच चीन पैंगॉन्ग सो झील के आसपास नए निर्माण कार्यों को तेजी से अंजाम दे रहा है। यहां नए शेड के निर्माण किए गए हैं। ऐसा तब किया गया, जब दोनों देश सीमा से अपनी सेना को पीछे बुलाने के लिए एक-दूसरे के लगातार संपर्क में हैं। गलवान झड़प (15 जून) के बाद भारत-चीन के बीच डिप्लोमैटिक और मिलिट्री लेवल की 5 बातचीत हो चुकी हैं।
4 महीने से जारी है तनाव
सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच मई में शुरू हुआ तनाव 4 महीने से जारी है। शुरुआत में गलवान वैली और पेट्रोलिंग पॉइंट (पीपी)- 15 से चीन ने सेना पीछे बुलाने का फैसला किया था, जबकि पैंगॉन्ग सो और गोगरा- हॉट स्प्रिंग (जिसे पीपी-17ए कहा जाता है) को लेकर चीन अभी भी अड़ा हुआ है। चीन पैगॉन्ग सो में फिंगर-5 से फिंगर-8 के बीच खुद को मजबूत करने की लगातार कोशिश कर रहा है।
पीएलए ने मई की शुरुआत में फिंगर-4 से फिंगर-8 के बीच किलेबंदी करना शुरू कर दिया था। इसके बाद से चीन सीमा पर मई से पहले वाली स्थिति बहाल करने में आनाकानी कर रहा है।
गलवान हिंसा के बाद बिगड़े हालात
गलवान वैली में भारत-चीन के बीच 15 जून को हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी करीब 35 सैनिक मारे गए थे, लेकिन उसने कभी माना नहीं। गलवान की झड़प के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से बातचीत में चीन इस बात पर राजी हुआ कि विवादित इलाकों से पीछे हट जाएगा। पहले फेज का डिसएंगेजमेंट पूरा भी हो गया, लेकिन कई इलाकों में चीन फिर से अड़ियल रवैया अपना रहा है।
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