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- More Than 15 Lakh People Got Benefit Under Special Kovid 19 Policy, There May Be A Big Opportunity For Small And Medium Traders
नई दिल्ली3 मिनट पहले
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जो मजदूर काम पर लौट रहे हैं वे बीमा पॉलिसी के तहत अपनी स्वास्थ्य सुरक्षा को पक्का करना चाहते हैं।
- कोरोना कवच पॉलिसी एक रिइंबर्समेंट बेस्ड पॉलिसी है
- कोरोना रक्षक फिक्स्ड बेनिफिट पॉलिसी है
कोरोना महामारी के बाद स्वास्थ्य बीमा योजनाओं की मांग में तेजी देखने को मिली है। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडाई) के अध्यक्ष सुभाष सी खुंटिया ने गुरुवार को बताया कि, हाल ही में लॉन्च विशेष कोविड-19 पॉलिसी के तहत लगभग 15 लाख से ज्यादा लोगों को कवर किया जा चुका है। उन्होने ये भी कहा कि इस मुश्किल समय में बीमा कंपनियों को पॉलिसीधारकों को मदद के लिए सामने आना चाहिए।
इरडाई की पहल
दरअसल, कोरोना का इलाज के दौरान आर्थिक सुरक्षा की मांग को देखते हुए इंश्योरेंस रेगुलेटर इरडाई ने बीमा कंपनियों को कहा था कि वे उपभोक्ताओं को ऐसी छोटी अवधि के लिए पॉलिसियां मुहैया कराएं, जिससे कोरोना के इलाज में अस्पताल का खर्च भी कवर हो सके। इसके बाद जुलाई में इंश्योरेंस कंपनियों ने दो पॉलिसी को लॉन्च किया था, कोरोना कवच और कोरोना रक्षक।
कोरोना कवच और कोरोना रक्षक
कोरोना कवच पॉलिसी एक रिइंबर्समेंट बेस्ड पॉलिसी है, जबकि कोरोना रक्षक फिक्स्ड बेनिफिट पॉलिसी है। वहीं इरडाई के निर्देश पर सभी हेल्थ और जनरल इंश्योरेंस कंपनियां कोरोना कवच और कोरोना रक्षक नामक पॉलिसी को जुलाई महीने के पहले हफ्ते में लॉन्च किया था।
दोनों ही पॉलिसी के लिए तीन प्रकार की अवधि तय की गई है। जो 105 दिन, 195 दिन और 285 दिन हैं। इन दोनों पॉलिसी को 18-65 आयु के लोग ले सकते हैं। बता दें कि कोरोना कवच के तहत 50 हजार रुपए से 5 लाख तक, तो कोरोना रक्षक के तहत 50 हजार रुपए से लेकर 2.5 लाख रुपए तक की इंश्योरेंस की व्यवस्था की गई है।
एसएमई के लिए अवसर
इरडाई के अध्यक्ष सुभाष सी खुंटिया का मानना है कि यह छोटे और मझोले कारोबारियों के लिए बड़ा अवसर है, क्योंकि जो मजदूर काम पर लौट रहे हैं, श्रमिक बीमा पॉलिसी के तहत अपनी स्वास्थ्य सुरक्षा को पक्का करना चाहते हैं।
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