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बैंकिंग इंडस्ट्री को बुरे फंसे कर्जों के मोर्चे पर मिल रही है राहत, जून 2019 और मार्च 2020 की तुलना में बैंकों के एनपीए में आई गिरावट

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  • ICICI Bank NPA | Gross (NPA) Non Performing Assets In Indian Banks; ICICI Bank, PNB Bank, Baroda Bank To Union Bank NPA 2020 In Percentage

मुंबई43 मिनट पहले

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  • यूनियन बैंक का ग्रॉस एनपीए जून 2019 की तिमाही में 15.59 से घटकर जून 2020 में 14.95 प्रतिशत पर आ गया है
  • आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक सरकारी बैंकों का ग्रॉस एनपीए मार्च 2021 तक 15.2% तक बढ़ेगा

बुरे फंसे कर्जों (एनपीए) के मोर्चे पर बैंकों को राहत दिख रही है। प्रमुख बैंकों के हाल में जारी पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के फाइनेंशियल रिजल्ट से पता चलता है कि जून 2019 और मार्च 2020 की तुलना में इनके एनपीए में कमी आई है। इससे लगता है कि आनेवाले समय में बैंकों के भारी भरकम एनपीए को लेकर जो बात कही जा रही थी, उसमें अब गिरावट आ सकती है।

सरकारी बैंकों के एनपीए में गिरावट
आंकड़ों के मुताबिक यूनियन बैंक का ग्रॉस एनपीए जून 2019 की तिमाही में 15.59 से घटकर जून 2020 में 14.95 प्रतिशत पर आ गया है। जबकि शुद्ध एनपीए इसी अवधि में 6.47 से घटकर 4.9 प्रतिशत हो गया है। इसी तरह एसबीआई का ग्रॉस एनपीए 7.53 से घटकर 5.44 प्रतिशत हो गया जबकि शुद्ध एनपीए 3.97 से घटकर 1.86 प्रतिशत पर आ गया है।

निजी क्षेत्र के बैंकों के एनपीए में भी गिरावट

निजी सेक्टर के कर्जदाता आईसीआईसीआई बैंक का ग्रॉस एनपीए 6.49 से घटकर 5.46 प्रतिशत हो गया तो शुद्ध एनपीए 1.77 से घटकर 1.23 प्रतिशत हो गया है। इसी अवधि में एचडीएफसी बैंक का ग्रॉस एनपीए 1.40 प्रतिशत से घटकर 1.36 और शुद्ध एनपीए 0.43 से घटकर 0.33 प्रतिशत हो गया है। एक्सिस बैंक की बात करें इसका ग्रॉस एनपीए 5.25 से घटकर 4.72 और शुद्ध एनपीए 2.04 से घटकर 1.23 प्रतिशत पर आ गया है।

सरकारी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक पीएनबी का ग्रॉस एनपीए 15.49 से घटकर 14.11 प्रतिशत तो शुद्ध एनपीए 5.51 से घटकर 5.39 प्रतिशत हो गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा का ग्रॉस एनपीए 10.28 से घटकर 9.39 प्रतिशत पर जबकि शुद्ध एनपीए 3.95 से घटकर 2.83 प्रतिशत पर आ गया है। यही नहीं, अगर मार्च 2020 की तिमाही से देखें तो भी जून तिमाही में इन बैंकों का एनपीए घटा है।

एफएसआर की रिपोर्ट
प्रमुख रूप से यूनियन बैंक का शुद्ध एनपीए मार्च में 5.49 से घटकर 4.9 प्रतिशत, एसबीआई का 2.23 से घटकर 1.86 प्रतिशत, एक्सिस बैंक का 1.56 से घटकर 1.23 प्रतिशत, पीएनबी का 6.97 से घटकर 5.51 प्रतिशत हो गया है। जुलाई में जारी फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट (एफएसआर) रिपोर्ट में आरबीआई ने बढ़ते ग्रॉस एनपीए के आंकड़ों पर चिंता जताई थी। इसमें अनुमान लगाया गया था कि इंडस्ट्री का ग्रॉस एनपीए का अनुपात मार्च 2020 में 8.5 प्रतिशत है जो मार्च 2021 में बढ़कर 12.5 प्रतिशत हो जाएगा।

बदल सकती है तस्वीर
हालांकि पहली तिमाही में एनपीए में गिरावट से तस्वीर बदल सकती है। चूंकि देश में लॉकडाउन का असर सबसे ज्यादा पहली तिमाही में ही रहा है। जबकि उसके बाद अनलॉक होना शुरू हो गया था और अब काफी हद तक आर्थिक गतिविधियां चालू हो गई हैं और कर्ज की मांग भी शुरू हो गई है। ऐसे में यह उम्मीद की जा सकती है कि आनेवाले समय में बैंकों को एनपीए के मोर्चे पर और सफलता मिल सकती है।

अनलॉक से राहत
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री समीर नारंग कहते हैं कि मार्च 2020 में ग्रॉस एनपीए में कमी आरबीआई भी अपनी एफएसआर में मान चुका है। जून में भी एनपीए में कमी इसलिए आई क्योंकि ग्राहकों ने मोराटोरियम लिया है। वैसे कुछ विश्लेषक मानते हैं कि अब जब अर्थव्यवस्था चालू है अनलॉक चालू है तो लोग कर्जों का रीपेमेंट करेंगे और ऐसे में एनपीए की वृद्धि की आशंका नहीं है। कैनरा बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर एल वी प्रभाकर का भी मानना हैं कि वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) से क्रेडिट में सुधार होगा और बकाया राशि की वसूली के आंकड़ों में भी बढ़त देखने को मिलेगी।

वैसे बैंकों से मिले मोरोटॉरियम छूट के कारण कॉर्पोरेट और नॉन-कॉर्पोरेट लोन के स्पष्ट आंकड़ों का सामने आना अभी बाकी है। अगस्त में आरबीआई ने एमपीसी की बैठक में लोन रिस्ट्रक्चरिंग के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए थे। इसका उद्देश्य कोरोना महामारी के कारण बिगड़े बैंकिंग हालत में सुधार करना है। समीर नारंग कहते हैं कि आरबीआई ने रिस्ट्रक्चरिंग की अनुमति दे दी है। इससे जिन असेट्स को एनपीए में शामिल किया जा चुका है उनको भी रिस्ट्रक्चर किया जाएगा।

लोन रिस्ट्रक्चरिंग

इंडिया रेटिंग का अनुमान है कि भारतीय बैंक जल्द ही 8.4 लाख करोड़ का लोन रिस्ट्रक्चरिंग कर सकते हैं। इसमें बड़ा हिस्सा कॉर्पोरेट लोन का होगा, जो 3.3 लाख करोड़ से 6.3 लाख करोड़ तक का हो सकता है। आरबीआई मार्च से अब तक रेपो रेट की दरों में 115 पॉइंट की कटौती कर चुका है।

आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक सरकारी बैंकों का ग्रॉस एनपीए मार्च 2021 तक 15.2% तक बढ़ेगा, जो मार्च 2020 में 11.3 फीसदी था। जबकि प्राइवेट बैंक (4.2%) और विदेशी बैंकों (2.3%) का अनुपात बढ़कर क्रमश: 7.3% और 3.9% हो जाएगा।

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