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- Despite Coronavirus Trouble Saudi Aramco Still Interestted To Invest In India
नई दिल्ली2 घंटे पहले
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महामारी के कारण बाजार में तेल की मांग कम होने, क्रूड की कीमत घटने और ऑयल कंपनियों का वैल्यूएशन गिरने से भारत में अरैमको के प्रस्तावित निवेश पर संदेह जताया जा रहा था
- अरैमको रिलायंस इंडस्ट्री में 15 अरब डॉलर निवेश करने की योजना पर विचार कर रही है
- सरकार बीपीसीएल में अपनी समूची हिस्सेदारी अरैमको को बेचना चाहती है
- महाराष्ट्र में 60 अरब डॉलर की प्रस्तावित रिफाइनरी में हिस्सेदारी लेने का प्रस्ताव भी है अरैमको के पास
कोरोनावायरस महामारी का तेल कंपनियों पर तीन तरफा असर पड़ा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की मांग घट गई है। तेल की कीमत भी घट गई है। इसके अलावा कंपनियों का वैल्यूएशन भी गिरा है। इसके बावजूद दुनिया की सबसे बड़ी ऑयल कंपनी सऊदी अरैमको भारत में निवेश करने की अपनी पुरानी योजना पर अब भी कायम है।
एक सवाल के जवाब में अरैमको ने कहा कि भारत में निवेश करने की सभी पुरानी योजनाओं में उसकी रुचि बरकरार है। जल्द ही इससे संबंधित किसी भी प्रगति की सूचना मिलेगी। अरैमको रिलायंस के रिफाइनरी और केमिकल कारोबार में 15 अरब डॉलर के निवेश के प्रस्ताव के साथ-साथ कई अन्य निवेश योजना पर भी विचार कर रही है।
कंपनी के प्रॉफिट में 50% गिरावट के बाद निवेश योजनाओं पर घिरा संदेह
इस कारोबारी साल की पहली छमाही में अरैमको ने अपने प्रॉफिट में 50 फीसदी की गिरावट दर्ज की है। इसके बाद से भारत में उसकी निवेश योजना को लेकर संदेह जताया जा रहा है। एक ईमेल के जवाब में कंपनी ने कहा कि वह भारत सहित पूरे एशिया में विकास की संभावनाओं मूल्यांकन कर रही है।
भारत में कई उद्यमों में हिस्सेदारी लेने की इच्छा जता चुका है अरैमको
कंपनी ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्र्रीज के साथ हमारी बातचीत अब भी चल रही है और जब भी इसमें कोई प्रगति होगी, उसकी सूचना दी जाएगी। रिलायंस सौदे के अलावा अरैमको भारत में कई अन्य उद्यमों में भी हिस्सेदारी लेने की इच्छा जाहिर कर चुका है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता देश है।
बीपीसीएल में सरकार की समूची हिस्सेदारी अरैमको को बेचने के लिए सरकार के स्तर पर चल रही है वार्ता
सरकारी तेल मार्केटिंग और रिफाइनिंग कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में सरकार की समूची हिस्सेदारी का अरैमको द्वारा अधिग्रहण करने किए जाने के लिए भारत और सऊदी अरब सरकार के बीच वार्ता चल रही है। इस निवेश के बाद अरैमको को भारत के विशाल रिटेल बाजार में प्रवेश मिल जाएगा, जिसमें विकास की अकूत संभावना है। सरकार महाराष्ट्र में 60 अरब डॉलर की प्रस्तावित ऑयल रिफाइनरी में भी सऊदी अरैमको का निवेश चाहती है। अरैमको भारत के रणनीतिक ऑयल रिजर्व में कुछ तेल रखने की योजना पर भी विचार कर रही है।
तेल बाजार में मदी के बाद भी अरैमको निवेश करने में सक्षम है
विश्लेषकों का मानना है कि तेल बाजार में मंदी होने के बावजूद सऊदी अरैमको नया निवेश करने में सक्षम है। क्योंकि उसका कारोबार बहुत बड़ा है। उसके उत्पादन की लागत काफी कम है। और कीमत में गिरावट के बावजूद उसके पास फ्री कैश का फ्लो हो रहा है।
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