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सीवर का पानी और एक्जॉस्ट फैन से निकली हवा से कोरोना के संक्रमण का खतरा, घर में आइसोलेट हुए हैं तो अलग टायलेट का प्रयोग करें

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नई दिल्ली4 दिन पहले

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  • सर्जिकल मास्क 8 घंटे तक और एन95 मास्क सात दिन तक प्रयोग किया जा सकता है, घर का बना कॉटन के कपड़े का मास्क धोकर जितना चाहे उतनी बार प्रयोग कर सकते हैं
  • ध्‍यान रहे मास्क कोई भी हो, जब उतारें तब उसके बाहरी हिस्से के संपर्क में मुंह, नाक नहीं आना चाहिए

कोरिया में सीवर से कोरोनावायरस फैलने का मामला हाल ही में सामने आया है। सीवर से निकलने वाले पानी और गैस से वायरस का खतरा कितना है, पंखों से भी वायरस फैल सकता है, ऐसे कई सवालों के जवाब दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के विशेषज्ञ डॉ. मोहसिन वली ने दिए।

डॉ. मोहसिन के मुताबिक, सीवर ही नहीं अस्‍पतालों के एग्‍जॉस्‍ट फैन आदि से भी वायरस के फैलने का खतरा है। डॉ. वली ने प्रसार भारती से बातचीत में कहा, अस्पताल से निकलने वाली हवा, वार्ड के एक्जास्ट फैन से निकले वाली हवा, होटल के एक्जॉस्ट से निकले वाली हवा, सीवर से निकले वाला पानी और गैस से भी वायरस संक्रमण का खतरा हो सकता है। इसलिये घर में आइसोलेट होने वाले वालों को अलग टॉयलेट प्रयोग करने के लिए कहा जाता है।

#1) क्या थकान आना भी कोरोना का लक्षण है?
डॉ. वली के मुताबिक, टेस्टिंग के बाद हम केस को आसानी से समझा जा सकता है और उन्हें आइसोलेट कर सकते हैं। डॉक्टरों को ध्यान रखना है कि आज कल कई मरीज ऐसे भी आ रहे हैं, जिनमें कोई लक्षण नहीं आ रहे हैं, उन्हें सिर्फ थकान हो रही है। इसलिए एंटीजन टेस्ट से उन्हें नेगेटिव न मानें। अगर व्यक्ति की सोसाइटी, ऑफिस, आदि में कोई पॉजिटिव केस है तो आरटीपीसीआर जांच जरूर करें।

#2) क्या माउथवॉश से बेहतर है जलनेति?
माउथवॉश की तुलना में जल नेति ज्यादा प्रभावी होती है। ये हमारी प्राचीन पद्धति है। इसमें सिर को बायीं या दायीं ओर झुका कर, नाक के एक नोस्‍ट्र‍िल से पानी डालते हैं और पानी दूसरे नोस्ट्रिल से बाहर निकलता है। माउथवॉश से गले के बैक्टीरिया मर जाते हैं, लेकिन वायरस मरता है या नहीं अभी नहीं कह सकते। इसमें एल्कोहल होता है, जिसकी वजह से कई लोग इसका प्रयोग नहीं करते। ऐसे लोग तुलसी के पत्ते के पानी में उबाल कर, उससे गरारा कर सकते हैं।

#3) क्या कपड़े धोने के साबुन से धो सकते हैं हाथ?
डॉ. वली कहते हैं, किसी भी साबुन से हाथ धो सकते हैं, बस साबुन में झाग आना जरूरी है, तभी वायरस की झिल्ली फटती है। ध्‍यान रहे कपड़े धोने वाला साबुन काफी हार्ड होता है, इससे हाथ की स्किन पर एलर्जी हो सकती है। इसलिए सभी से साबुन या लिक्विड सोप से हाथ धोने को कहा जाता है। जहां तक सेनेटाइजर की बात है तो उसके पीछे न भागें। कई लोग महंगे-महंगे सेनेटाइजर का प्रयोग करते हैं, जबकि साबुन-पानी से हाथ धोना सबसे बेहतर है।

#4) एक दिन में कितने घंटे एक ही मास्क प्रयोग कर सकते हैं?
सर्जिकल मास्क को 8 घंटे तक इस्तेमाल कर सकते हैं। प्रयोग के बाद उसे फेंक देना चाहिए। एन95 मास्क सात दिन तक प्रयोग किया जा सकता है। यह मास्क भी एक दिन में 8 घंटे से ज्यादा देर तक नहीं लगाना चाहिये। घर का बना कॉटन के कपड़े का मास्क धोकर जितना चाहे उतनी बार प्रयोग कर सकते हैं। ध्‍यान रहे मास्क कोई भी हो, जब उतारें तब उसके बाहरी हिस्से के संपर्क में मुंह, नाक नहीं आना चाहिए।

#5) बिना मास्क लगाए लोग बात करते हैं, यह कितना सुरक्षित?
किसी से बात करते वक्त, हंसते वक्त, बोलते वक्त, छींकते वक्त, खांसते वक्त, तेज सांस लेते वक्त भी वायरस का संक्रमण हो सकता है। इसलिए मास्क को किसी से भी मिलते वक्त नीचे नहीं उतारना है। इसलिये वायरस से बचने के लिए मास्क बहुत जरूरी है और उसके बाद हैंड हाइजिन रखना है।

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