May 7, 2024 : 2:13 AM
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ईशान कोण में कचरा या गंदगी होने से नौकरी और बिजनेस में आती है रुकावटें, इस दिशा में होता है देवी-देवताओं का वास

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  • According To Vastu Shastra, Due To Vastu Defects In The North east, There Are Obstacles In The Jobs And Business, In This Direction, There Is The Abode Of Gods And Goddesses.

एक घंटा पहले

  • उत्तर-पूर्व दिशा पर होता है भगवान शिव का अधिकार इसलिए इसे कहा जाता है ईशान कोण
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पूर्व और उत्तर दिशाएं जहां पर मिलती हैं वो जगह ईशान कोण कहलाती है। ये 10 दिशाओं में शामिल होने से वास्तु के अनुसार इसे ईशान दिशा भी कहा जाता है। काशी के ज्योतिषाचार्य और वास्तु विशेषज्ञ पं. गणेश मिश्र के अनुसार भगवान शिव का एक नाम ईशान भी है। भगवान शिव का आधिपत्य उत्तर-पूर्व दिशा में होता है। इसीलिए इस दिशा को ईशान कोण कहा जाता है। ईशान के स्वामी ग्रह बृहस्पति और केतु माने गए हैं। ईशान कोण को ही सभी दिशाओं में सबसे उत्तम माना गया है। घर के इस हिस्से में ही सकारात्मक ऊर्जा रहती है। इसलिए वास्तुशास्त्र में ईशान कोण को सबसे खास बताया गया है।

  • पं. मिश्र बताते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार ईशान में सभी देवी और देवताओं का वास होता है। ईशान दिशा सबसे शुभ मानी गई है। घर का ईशान हिस्सा सबसे पवित्र होता है इसलिए इस जगह को पूजा का स्थान भी बनाया जा सकता है। घर के ईशान कोण को साफ यानी पवित्र और खाली रखा जाना चाहिए। यहां जल की स्थापना की जाती है। जैसे कुआं, बोरिंग, मटका या फिर पीने के पानी का स्थान। इसके अलावा घर के मुख्य द्वार का इस दिशा में होना वास्तु के नजरिये से बेहद शुभ माना जाता है। इस जगह पर कचरा रखना, स्टोर, टॉयलेट या किचन बनाना अशुभ होता है। घर के इस हिस्से में लोहे का कोई भारी सामान भी नहीं रखना चाहिए।इस दिशा को साफ रखने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। इस दिशा में सेप्टिक टैंक नहीं होने चाहिए। ईशान कोण में दोष होने से वंश बढ़ने में रुकावट आती है।
  1. ईशान कोण में वास्तु दोष होने से उस घर में रहने वाले लोगों की सेहत अक्सर खराब रहती है। यानी आंखे, कान और गर्दन में परेशानी होती है।
  2. ईशान कोण में कचरा नहीं होना चाहिए। ऐसा होने पर नौकरी और बिजनेस में रुकावटें आ सकती हैं।
  3. ईशान क्षेत्र दैवी ऊर्जा से भरा होता है। इसलिए यहां पूजा-पाठ, ध्यान, योग या आध्यात्मिक गतिविधियां करना चाहिए।
  4. परिवार के सभी सदस्यों को थोड़ा समय, विशेषकर सुबह का वक्त अपने घर के ईशान कोण में बिताना चाहिए।
  5. इसका सबसे अच्छा उपाय है वहाँ पूजा घर की स्थापना कर दी जाए।

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