मुंबई2 घंटे पहले
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पैनकार्ड क्लब ने अपनी विभिन्न हॉलिडे स्कीम्स के माध्यम से निवेशकों से लगातार पैसे वसूलते रही और अब उसकी जांच सेबी कर रही है
- देश भर में कई ऑफिस के जरिए कंपनी चलाती है सीआईएस स्कीम
- कई बार ऑफिस पर निवेशकों ने हंगामा भी किया, पर पैसा वापस नहीं हुए
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने कलेक्टिव इनवेस्टमेंट स्कीम (सीआईएस) के माध्यम से निवेशकों से अवैध रूप से पैसा जुटाने के लिए पैनकार्ड क्लब और उसके चार डायरेक्टर्स पर कुल 20 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। कंपनी ने पिछले कुछ सालों में देश में 51 लाख निवेशकों से 7,035 करोड़ रुपए की राशि जुटाई थी। 45 दिनों के अंदर जुर्माने न भरने पर कंपनी की प्रॉपर्टी जब्त की जाएगी।
पनारोमिक ग्रुप का हिस्सा है पैन कार्ड क्लब
सेबी ने कहा कि यह फर्म पनारोमिक ग्रुप ऑफ कंपनियों का हिस्सा है, जिनकी हॉस्पिटैलिटी, टाइमशैयर, ट्रैवल एंड टूरिज्म एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में निवेश है। सेबी ने एक आदेश में कहा कि इन सभी फर्म्स को संयुक्त रूप से इस जुर्माना को भरना होगा। जिन डायरेक्टर्स पर जुर्माना लगाया गया है उसमें मनीष कालीदास गांधी, चंद्रसेन गणपतराव भीसे, रामचंद्रन रामकृष्णन और शोभा रत्नाकर बारडे इसके डायरेक्टर्स हैं।
नियमों का पालन करने में फेल रही कंपनी
सेबी ने जांच के दौरान पाया कि फर्म सीआईएस नियमों के तहत सेबी से मंजूरी नहीं ली थी। टाइमशेयर व्यवसाय की आड़ में सीआईएस गतिविधियों को अंजाम दे रही थी। धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार के नियमों का हवाला देते हुए सेबी ने कहा कि यह किसी भी व्यक्ति को सिक्योरिटी में डील करने से प्रतिबंधित करता है। अगर इसमें किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी सीआईएस को चलाया जाता है तो यह धोखाधड़ी है।
10 सालों में सात हजार करोड़ जुटाया
सेबी ने कहा कि कंपनी ने बिना रजिस्टर्ड सीआईएस के माध्यम से 7,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जुटाई। उनके खिलाफ वसूली की कार्यवाही भी शुरू की गई है। कंपनी फरवरी 2016 में सेबी के निर्देश का पालन करने में विफल रही थी सीआईएस के माध्यम से जुटाए गए 7,000 करोड़ रुपए निवेशकों को वापस करने का आदेश दिया गया था। पैनकार्ड क्लब ने अपनी विभिन्न हॉलिडे स्कीम्स के माध्यम से 2002-03 से 2013-14 तक 51.55 लाख निवेशकों से 7,035 करोड़ रुपए जुटाए थे।
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