- गैंगस्टर विकास दुबे सुबह 8 से 8.30 बजे के बीच महाकाल मंदिर पहुंचा था, सबसे पहले सिक्योरिटी गार्ड ने पहचाना
- विकास और उसके साथियों ने कानपुर के बिकरू में हुए शूटआउट में डीएसपी समेत 8 पुलिसकार्मियों की हत्या कर दी थी
दैनिक भास्कर
Jul 09, 2020, 10:55 AM IST
उज्जैन. कानपुर के बिकरू में हुए शूटआउट का मुख्य आरोपी विकास दुबे गुरुवार सुबह उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि वह महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए गया था। उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम उसे पिछले छह दिन से खोज रही थी।
ऐसा बताया जा रहा है कि महाकाल मंदिर की सिक्युरिटी टीम ने उसे संदिग्ध जानकर पकड़ लिया था। इसके बाद महाकाल थाना पुलिस को सूचना दी। हालांकि, यह भी बताया जा रहा है कि विकास महाकाल मंदिर परिसर में पहुंचा और चिल्लाने लगा कि मैं विकास दुबे हूं, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दी। उधर, मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि गैंगस्टर विकास दुबे मध्यप्रदेश पुलिस की कस्टडी में है। गिरफ्तारी कैसे हुई, इसके बारे कुछ भी कहना ठीक नहीं है।
सिक्योरिटी गार्ड ने बताया- उसने मेरे साथ झूमा-झटकी की
विकास को पकड़वाने वाले सिक्योरिटी गार्ड गोपाल सिंह ने बताया, “मैंने शक होने पर उसे पूछताछ के लिए रोका तो वह आनाकानी करने लगा। मुझे और ज्यादा शक हुआ, तो मैंने पुलिस को बुलाया। इस पर उसने मेरे साथ झूमा-झटकी की। थोड़ी देर में पुलिस आई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।”
शिवराज ने पुलिस को शाबासी दी
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात की। शिवराज ने विकास को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपने की बात कही है।
जिनको लगता है की महाकाल की शरण में जाने से उनके पाप धूल जाएँगे उन्होंने महाकाल को जाना ही नहीं।
हमारी सरकार किसी भी अपराधी को बख्श्ने वाली नहीं है…
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 9, 2020
अखिलेश यादव ने गिरफ्तारी पर सवाल उठाए
ख़बर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है. अगर ये सच है तो सरकार साफ़ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ़्तारी. साथ ही उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 9, 2020
कानपुर शूटआउट केस में अब तक क्या हुआ?
2 जुलाई: विकास दुबे को गिरफ्तार करने 3 थानों की पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी, विकास की गैंग ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी।
3 जुलाई: पुलिस ने सुबह 7 बजे विकास के मामा प्रेमप्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का एनकाउंटर कर दिया। 20-22 नामजद समेत 60 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
5 जुलाई: पुलिस ने विकास के नौकर और खास सहयोगी दयाशंकर उर्फ कल्लू अग्निहोत्री को घेर लिया। पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हो गया। उसने खुलासा किया कि विकास ने पहले से प्लानिंग कर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था।
6 जुलाई: पुलिस ने अमर की मां क्षमा दुबे और दयाशंकर की पत्नी रेखा समेत 3 को गिरफ्तार किया। शूटआउट की घटना के वक्त पुलिस ने बदमाशों से बचने के लिए क्षमा दुबे का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन क्षमा ने मदद करने की बजाय बदमाशों को पुलिस की लोकेशन बता दी। रेखा भी बदमाशों की मदद कर रही थी।
8 जुलाई: एसटीएफ ने विकास के करीबी अमर दुबे को मार गिराया। प्रभात मिश्रा समेत 10 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।
9 जुलाई: प्रभात मिश्रा और बऊआ दुबे एनकाउंटर में मारे गए। विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार।
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