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मूसलाधार बारिश के बाद शिमला ने ओढ़ी बादलों की चादर, मध्यप्रदेश में कीचड़ भरे रास्ते पर बैलगाड़ी से किताबें लेकर स्कूल पहुंचा एक शिक्षक

दैनिक भास्कर

Jul 09, 2020, 09:44 AM IST

नई दिल्ली. शिमला समेत प्रदेश के चार जिलों में बीते 48 घंटे के दौरान जिला शिमला, सोलन, मंडी, सिरमौर और चंबा में मूसलाधार बारिश हुई। इससे तापमान में गिरावट आने से लोगों को भी उमस भरी गर्मी से काफी राहत मिली है। भारी बारिश के कारण सोलन में एक काऊशैड को नुकसान पहुंचा है और शिमला में तारादेवी के पास लिंक रोड बंद हुआ है।

दो पहिया वाहन नहीं पहुंच सकता स्कूल

मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के बरेली में बच्चों के भविष्य बनाने के लिए शिक्षकों को अब बैलगाड़ी से सफर करना पड़ रहा है। दरअसल, खमरिया गांव से प्राथमिक शाला सालेगढ़ तक सड़क नहीं है। बारिश होने से रास्ते में कीचड़ हो जाती है। ऐसी स्थिति में दो पहिया वाहन नहीं चल पाते। शिक्षक नीरज सक्सेना ने स्कूल के बच्चोंं की बुक्स को पहुंचाने के लिए बैलगाड़ी का सहारा लिया। नीरज ऑटो से खमरिया गांव पहुंचे। फिर गांव से बैलगाड़ी बुलवाई। स्कूल में 94 बच्चे पढ़ते हैं। इनमें से 85 बच्चों को किताबें दी गईं।

घर को गोदाम में किया तब्दील

फोटो राजस्थान के अलवर की है। बरसाती मौसम में प्याज को हवा भी चाहिए और पानी से भी बचाना है। इसलिए चार महीने के लिए किसानों के घर ही गोदाम बन जाते हैं। दरअसल, जनवरी में प्याज के बीज को खेतों में बोया जाता है। इसलिए किसान अप्रैल में इससे बनी पौध को खेतों से निकालकर घरों में ले आते हैं।

साथ ही प्याज की गंठी (सूखे प्याज की गठान) बनाकर कमरों और दीवारों पर लटका देते हैं, ताकि इनको हवा लगती रहे। फिर अगस्त में इन्हें खेतों में बोया जाता है। दीपावली तक फसल आ जाती है।

मंडप में अचानक पहुंची प्रेमिका तो दूल्हे ने दोनों से रचाई शादी

मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के बगडोना में मंगलवार को एक दूल्हे ने दो दुल्हनों के साथ फेरे ले लिए। दरअसल, गांव के संदीप उइके की शादी होशंगाबाद की लड़की से हो रही थी। इस दौरान कतिया कोयलारी गांव में रहने वाली उसकी प्रेमिका भी मौके पर पहुंच गई। हंगामे के बाद आदिवासी समाज की पंचायत बैठी और सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया। घोड़ाडोंगरी जनपद उपाध्यक्ष मिश्रीलाल परते ने इसकी पुष्टि की है।

कोरोना काल: मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की अनदेखी

मध्यप्रदेश के श्योपुर में बुधवार को बाजार में जिला मुख्यालय पर एक ही बाइक पर तीन बच्चों सहित छह लोग सवारी करते दिखे। कोरोना से बचाव के प्रति लोगों की लापरवाही की हद तो तब दिखी जब इनमें से किसी ने भी मास्क नहीं पहना था। वहीं पुलिस अथवा प्रशासन ने भी बाइक सवार पर कोई कार्रवाई नहीं की।

पिछले साल की तुलना में इस बार 83% ज्यादा बारिश

भोपाल और आसपास के क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश का असर बड़े तालाब पर देखने को मिल रहा है। बुधवार को तालाब का लेवल 1662.75 पर रहा। पिछले साल की तुलना में इस बार 83% ज्यादा बारिश हुई। लॉकडाउन के दौरान पानी की खपत भी ज्यादा नहीं हुई। 
फरवरी से कमल खिलना कम हो जाते हैं

फोटो इंदौर के गुलावट की है। यहां जुलाई में भी कमल खिले हैं। कलम खिलने का सीजन फरवरी तक माना जाता है, लेकिन इस बार अभी भी फूलों की बहार है।

 खतरे के बीच लोग पार कर रहे नाला

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार पलारी जिले में लगातार बारिश के चलते खपरी-अमेरा के बीच खोरसी नाला उफान पर है। लेकिन फिर भी लोग जान जोखिम में डालकर इसे पार कर रहे हैं। कुछ दिनों से पानी पुल के ऊपर बह रहा है। तेज बारिश के बाद लोगों को मजबूरी में इस पुलिया को पार करना पड़ता है। 

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