- कोरोना-लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था में 20% से ज्यादा गिरावट का अनुमान
- अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर और टैक्स में प्रस्तावित बढ़ोतरी का भी बन रहा दबाव
दैनिक भास्कर
Jul 07, 2020, 01:20 PM IST
नई दिल्ली. कोरोनावायरस संक्रमण से बचने के लिए मई महीने में जापान के लोग घरों में ही रहे। इस वजह से वहां मई में घरेलू खर्च कम हो गया। सरकारी डाटा के मुताबिक, जापान में एक साल पहले के मुकाबले मई 2020 में घरेलू खर्च में 16.2% गिरावट आई है। 2001 में इस तरह का डाटा कम्पेरिजन शुरू हुआ था। इसके बाद से यह अब तक घरेलू खर्च में गिरावट की सबसे ज्यादा दर है।
मांस, अल्कोहल और फेस मास्क पर खर्च बढ़ा
डाटा के मुताबिक- मई में होटल, ट्रांसपोर्ट और बाहर खाने पर खर्च में सबसे ज्यादा गिरावट रही। हालांकि इसी दौरान लोगों ने मांस, अल्कोहल और फेस मास्क जैसी चीजों पर खर्च बढ़ाया। इकोनॉमिस्ट्स का कहना है कि मई में मेडिकल इमरजेंसी खत्म होने के बावजूद लोग खर्च बढ़ाना नहीं चाहते। इसी वजह से घरेलू खर्च बढ़ने की रिकवरी भी धीमी रहेगी। छंटनी ज्यादा होने के कारण आने वाले महीनों में भी घरेलू खर्च कमजोर रहने का आउटलुक जारी किया गया है।
रियल वेज में पांच साल में बड़ी गिरावट
जापान में रियल वेज में पांच साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इससे पता चलता है कि जॉब मार्केट पर कोविड-19 का क्या असर रहा। रियल वेज, घरेलू खर्च का अहम पैरामीटर है। एक साल पहले के मुकाबले रियल वेज में 2.1% गिरावट आई। 2015 से अब तक यह सबसे बड़ी गिरावट है। जापान के श्रम मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि कोरोनावायरस के कारण ओवरटाइम पेमेंट्स में कमी आई है। इससे रियल वेज भी गिरा। एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले मई 2020 में ओवरटाइम भुगतान में 25.8% गिरावट रही।
दूसरे विश्व युद्ध से भी बड़ी मंदी की आशंका
इन दोनों डाटा ने जापान सरकार और केंद्रीय बैंक के सामने नई चुनौतियां पैदा की हैं। इससे जापान में दूसरे विश्व युद्ध के बाद आई मंदी से भी बड़ी मंदी आने की आशंका बन गई है। अर्थशास्त्रियों ने कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था में 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट का अनुमान जताया है।
अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर का भी पड़ रहा असर
जापान की अर्थव्यवस्था पर अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर, सेल्स टैक्स में होने वाली बढ़ोतरी का दबाव भी दिख रहा है। जापान में सेल्स टैक्स में बढ़ोतरी अक्टूबर से लागू होगी। हाल ही में सरकारी आंकड़ों में अक्टूबर से दिसंबर के मध्य अर्थव्यवस्था में 7.2 फीसदी गिरावट रहने की बात कही गई थी।