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प्रधानमंत्री ओली और मुख्य विरोधी प्रचंड लगातार चौथे दिन बातचीत करेंगे; चीन नहीं चाहता कि ओली सरकार गिरे

  • प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और मुख्य विरोधी पुष्प कमल दहल प्रचंड के बीच शनिवार, रविवार और सोमवार को बातचीत हुई
  • नेपाल में चीन की एम्बेसेडर होउ यांगकी ओली सरकार बचाने के लिए एक्टिव, राष्ट्रपति और बड़े नेताओं से मिलीं

अनिल गिरी, काठमांडू से

Jul 07, 2020, 09:46 AM IST

नेपाल में प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे पर सस्पेंस जारी है। उनकी ही पार्टी के नेता प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़े हुए हैं। शनिवार, रविवार के बाद सोमवार को भी ओली ने अपने मुख्य विरोधी पुष्प कमल दहल प्रचंड से बातचीत की। उन्हें मनाने की कोशिश की। लेकिन, नतीजा नहीं निकला। ओली को सिर्फ इतनी कामयाबी मिली कि प्रचंड मंगलवार को भी बातचीत के लिए तैयार हो गए। 
ओली सरकार बचाने के लिए चीन भी एक्टिव है। नेपाल में चीन की एम्बेसेडर होउ यांगकी लगातार नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के नेताओं से बातचीत कर रही हैं। 

आज की मीटिंग पर नजर
ओली और प्रचंड के बीच बातचीत दोपहर में शुरू होगी। सोमवार को बातचीत हुई लेकिन इसकी जानकारी मीडिया को नहीं दी गई। सिर्फ इतना बताया गया कि दोनों नेता मंगलवार को बातचीत जारी रखने पर सहमत हो गए हैं। लिहाजा, आज होने वाली बातचीत पर भी नजरें रहेंगी। सूत्रों के मुताबिक, प्रचंड ने ओली से साफ कह दिया है कि उनको इस्तीफा देना होगा। हालांकि, एक धड़ा ऐसा भी है जो चाहता है कि सरकार बच जाए। इसलिए समझौता कराने की कोशिशें भी जारी हैं।

कल स्टैंडिंग कमेटी की अहम मीटिंग
अगर आज ओली और प्रचंड के बीच मीटिंग में कोई फैसला नहीं होता तो यह माना जा सकता कि कल यानी बुधवार को होने वाली स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग अहम होगी। इस कमेटी में 40 मेंबर हैं। 30 से 33 ओली का इस्तीफा मांग रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं एनसीपी की तीन कमेटियों में से किसी में भी ओली को समर्थन हासिल नहीं है। लिहाजा, ज्यादा संभावना यही है कि अगर ओली और प्रचंड के बीच समझौता नहीं हुआ तो प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना ही पड़ेगा। 

पार्टी टूट भी सकती है
माना जा रहा कि अगर ओली ने इस्तीफे से इनकार किया तो पार्टी टूट जाएगी। एक गुट ओली और दूसरा प्रचंड के साथ चला जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, रविवार को प्रचंड ने ओली से पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने को कहा ताकि सरकार बचाई जा सके। 

ओली से इसलिए नाराजगी
पार्टी नेता कई मुद्दों पर ओली से नाराज हैं। प्रधानमंत्री कोविड-19 से निपटने में नाकाम साबित हुए। भष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई नहीं की। एक बेहद अहम मुद्दा भारत से जुड़ा है। पार्टी नेता मानते हैं कि सीमा विवाद पर उन्होंने भारत से बातचीत नहीं की। वैसे भी ओली पार्टी के तीनों प्लेफॉर्म्स पर कमजोर हैं। सेक्रेटेरिएट, स्टैंडिंग कमेटी और सेंट्रल कमेटी में उनको समर्थन नहीं हैं। पार्टी के नियमों के मुताबिक, अगर इन तीन प्लेटफॉर्म पर नेता कमजोर होता है तो उसका जाना तय है।  

नेपाल की सियासत से जुड़ी ये खबरें भी आप पढ़ सकतें हैं…

1. नेपाल में प्रधानमंत्री के इस्तीफे पर सस्पेंस / प्रधानमंत्री ओली और विरोधी गुट के नेता प्रचंड के बीच बातचीत खत्म, स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग बुधवार तक टली

2. नेपाल की राजनीति में फैसले का वक्त / प्रधानमंत्री ओली ने कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों से पूछा- साफ बताओ, किसकी तरफ हो, देश और पार्टी मुश्किल में है

3. नेपाल के पीएम पर इस्तीफे का दबाव / राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से मिले प्रधानमंत्री ओली, इमरजेंसी कैबिनेट मीटिंग भी बुलाई गई

4. नेपाल के पीएम को दो दिन राहत / अब सोमवार को होगा प्रधानमंत्री ओली की किस्मत का फैसला, आज होने वाली स्टैंडिंग कमेटी की बैठक टली

5. नेपाल के पीएम पर भारी पड़ता भारत विरोध / कुर्सी बचाने के लिए नाराज नेताओं के घर पहुंचे प्रधानमंत्री ओली; इस्तीफे पर आज हो सकता है फैसला

6. नेपाल के पीएम को भारत विरोध भारी पड़ा / इस्तीफे की मांग के बीच ओली थोड़ी देर में देश को संबोधित करेंगे, राष्ट्रपति से मुलाकात की; बजट सत्र भी स्थगित

7. नेपाल के पीएम के साथ पाकिस्तान / इमरान ने ओली से फोन पर बातचीत का वक्त मांगा, ओली ने भारत पर सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाया था

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