- वैज्ञानिकों ने लिखा कि ‘हैंडीफ्यूज’ डिवाइस के प्रभाव को मापने के लिए कोरोना संक्रमित के नमूनों की जांच करना बाकी है
- उन्होंने कहा कि इसके बाद ही हम इसकी मान्यता पर विचार करेंगे, अभी हैंडीफ्यूज को फील्ड सेटिंग में टेस्ट करने की तैयारी है
दैनिक भास्कर
Jul 04, 2020, 08:20 PM IST
न्यूयॉर्क. भारतीय वैज्ञानिक के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की टीम को कोरोना टेस्ट के लिए सस्ती और बिना बिजली के चलने वाली डिवाइस ‘हैंडीफ्यूज’ को बनाने में सफलता मिली है। इसके जरिए मरीज के सलाइवा के घटकों को अलग कर के कोराना वायरस की जांच की जा सकेगी। इससे दुनिया के पिछड़े इलाकों में कोरोना की जांच करने में मदद मिलेगी।
बिना बिजली के चलेगी ‘हैंडीफ्यूज’ डिवाइस
अमेरिका में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक मनु प्रकाश समेत कई वैज्ञानिकों के अनुसार, ‘हैंडीफ्यूज’ डिवाइस ट्यूब में मरीज के सलाइवा को तेज रफ्तार से घुमाता है, जिससे लार के नमूनों से वायरस के जीनोम अलग हो जाते हैं। इस प्रोसेस के लिए बिजली की जरूरत नहीं पड़ती है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये एक तरह का सस्ता सेंट्रीफ्यूज डिवाइस है, जिसे बनाने में पांच यूएस डॉलर से भी कम की लागत आती है। इसके जरिए कम समय और सस्ती क्लीनिकल तकनीक से कोरोना वायरस का पता लगा सकते हैं।
एक घंटे से भी कम समय में आएगी रिपोर्ट
वैज्ञानिकों के अनुसार, इसके जरिए आसान तरीके और बिना किसी विशेष मशीन के माध्यम से एक घंटे से भी कम समय में सैंपल कलेक्शन से कोरोना वायरस के नतीजों तक पहुंच सकते हैं। हर टेस्ट की कीमत एक डॉलर से भी कम आने का अनुमान है। हालांकि, वायरस के जीनोम में भिन्नता के आधार पर रिपोर्ट पर असर पड़ सकता है। इसकी वजह लार में मौजूद अलग-अलग तरह के घटक हो सकते हैं।
अन्य सेंट्रीफ्यूज में आता है सैकड़ों डॉलर्स का खर्च
वैज्ञानिकों के अनुसार, सामान्य सेंट्रीफ्यूज एक मिनट में 2000 बार रोटेट होता है। इसमें सैकड़ों डॉलर का खर्च आता है और इसके लिए बिजली की जरूरत भी पड़ती है जबकि ‘हैंडीफ्यूज’ के साथ ऐसा नहीं है।
कोरोना संक्रमित के नमूनों पर प्रयोग करना बाकी
वैज्ञानिकों ने अपनी स्टडी में लिखा कि इस डिवाइस के प्रभाव को मापने के लिए अभी कोरोना संक्रमित के नमूनों की जांच करना बाकी है। इसके बाद ही हम इसकी मान्यता पर विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि हम अभी एलएएमपी प्रोटोकॉल और हैंडीफ्यूज को फील्ड सेटिंग में टेस्ट करने की तैयारी कर रहे हैं।