मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम शनिवार को घोषित कर दिया गया। इस बार प्रदेश की मेरिट लिस्ट में 15 छात्र-छात्राओं ने टॉप किया है। इसमें तीन छात्र गुना जिले के शामिल हैं। ऐसा पहली बार हुआ है, जब एक जिले से तीन छात्रों नेटॉप किया हो। मध्यम वर्गीय परिवारों से आने वाले इन छात्रों के सपने बड़े हैं। ये प्रशासनिक अधिकारी और डॉक्टर बनना चाहते हैं।
पहले टॉपर लक्ष्यदीप धाकड़ के पिता कमल सिंह धाकड़ किसान हैं और शहर से 35 किलोमीटर पर धरनागदा गांव में खेती करते हैं। उन्होंने अपने बेटे की पढ़ाई के लिए गांव छोड़ दिया। दूसरे प्रियांश रघुवंशी के पिता सशस्त्र सेवा बल (एसएएफ) में हैं, वह कम पढ़े हैं, लेकिन बेटे को खूब पढ़ाना चाहते हैं। वहीं तीसरे टॉपर पवन भार्गव के पिता कथावाचक और पुजारी हैं। गुना में ही निवास है। उनका बेटा प्रशासनिक सेवा में अफसर बनना चाहता है। तीनों टॉपर्स से दैनिक भास्कर ने बातचीत की…

पहली कहानी- पिता की जिद और बेटे का सपना है आईएएस
लक्ष्यदीप धाकड़ जब छोटा था तो उसके पिता कमलजीत धाकड़ उसे पत्नी और बेटी के साथ गांव से गुना लेकर आ गए थे। उन्होंने बेटे की पढ़ाई के लिए गांव छोड़ना जरूरी समझा। यहां आकर मॉडल स्कूल में यूकेजी में उसका नाम लिखाया। तबसे पिता गांव जाकर खेती करते हैं और मां सीमा धाकड़ बेटे के साथ ही रहती हैं। कमल सिंह धाकड़ ने बताया कि बेटा कुछ करना चाहता है तो मैं उसमें रुकावट बनने वाला कौन होता हूं। बचनन से ही उसकी मां और दोनों बच्चे यहां पर किराए से रहते रहे हैं। मैं गांव से आता-जाता था। फिर मेहनत की और एक दो कमरों का घर बना लिया, आखिर कब तक किराया भरते। मेरा संघर्ष आज सार्थक हो गया है, बेटे ने प्रदेश भर में जिले का नाम रोशन किया है। मैं अब और मेहनत करुंगा, जिससे बच्चे की आगे की पढ़ाई अच्छे से जारी रहे।
पढ़ाई के दौरान- नो सोशल मीडिया
लक्ष्यदीप ने बताया कि उसका सपना आईएएस बनना है। ऐसा करके मैं देश की सेवा कर सकूंगा। लक्ष्यदीप ने कहा कि टॉप आने की जानकारी फोन से लगी। हर रोज 8 से 9 घंटे पढ़ाई करता था। शुरू से ही सीखने की ललक थी और सीखते-सीखते ही यहां तक पहुंच गया हूं आगे भी अपने सपने को पूरा करने के लिए खूब मेहनत करुंगा। टॉप करने के बाद अच्छा फील हो रहा है और आगे बढ़ने के लिए लोगों की शुभकामनाएं काम आएंगी। मैंने पढ़ाई के दौरान फेसबुक-वाट्सएप को हाथ नहीं लगाया। ये चीजें पढ़ाई में बाधा बनती हैं और एकाग्रता भंग होती है।

दूसरी कहानी- प्रियांशु रघुवंशी डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना चाहते हैं
प्रियांश रघुवंशी के पिता सशस्त्र पुलिस बल में नौकरी करते हैं और मुरैना में पोस्टेड हैं। प्रियांश और ऐसे ऐप में जॉब करते हैं उनके पिता का सपना था कि बेटा स्टेट की मेरिट लिस्ट में आए और मैंने वह कर दिखाया है। हर रोज 7 से 8 घंटे पढ़ाई करता था। मेरे टॉप करने के पीछे मेरे फ्रेंड, फैमिली और टीचर्स का बहुत बड़ा योगदान है। लॉकडाउन के दौरान मैंने नीट-यूजी की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए ऑनलाइन क्लासेस भी ले रहा हूं। मैं 12वीं में बायोलॉजी से पढ़ाई करूंगा और मुझे डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करनी है।

तीसरी कहानी- पुजारी के बेटे ने प्रदेश में बढ़ाई शान
गुना से तीसरे टॉपर पवन भार्गव के पिता विजय भार्गव पुजारी और कथावाचक हैं। पवन ने बताया कि वह मैथ्स और फिजिक्स लेकर 12वीं की पढ़ाई करेगा। इसके बाद एमपीपीएससी की तैयारी करना चाहता है। ताकि खुद और घरवालों के सपने को पूरा कर सकें। मुझसे ज्यादा मेरे घरवालों को यकीन था कि मैं मेरिट में नाम लेकर आऊंगा। लेकिन जब मेरे पिता को स्कूल वालों ने फोन करके बताया कि आपके बेटे ने टॉप किया तो वह बहुत खुश हुए। हर रोज 9 घंटे करीब पढ़ाई करता हूं। फेसबुक और व्हाट्सएप भी कभी-कभी चलाता हूं, लेकिन पिताजी के फोन से। मेरे पास खुद का फोन अभी नहीं है।
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