- जवानों ने वंदेमातरम के नारे लगाए, रक्षा मंत्री ने कहा- सेना का मनोबल बढ़ा
- गलवान में 20 जवान शहीद हुए थे, मोदी ने कहा था कि बलिदान बेकार नहीं जाएगा
दैनिक भास्कर
Jul 03, 2020, 02:28 PM IST
लद्दाख. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 9.30 बजे अचानक लद्दाख पहुंच गए। गलवान की झड़प के 18 दिन बाद मोदी लद्दाख का दौरा कर रहे हैं। मोदी ने जवानों को संबोधित करते हुए कवि रामधारी सिंह दिनकर की लिखी कविता पढ़ते हुए कहा- जिनके सिंहनाद से सहमी धरती रही अभी तक डोल कलम, आज उनकी जय बोल। पहले से इसकी जानकारी नहीं थी, लेकिन मोदी के लद्दाख पहुंचने की खबर अचानक आई।
मोदी के लद्दाख के संबोधन की मुख्य बातें
मोदी ने कहा- आपकी जीवटता किसी से कम नहीं
आपका ये हौसला, शौर्य और मां भारती के मान-सम्मान की रक्षा के लिए आपका समर्पण अतुलनीय है। आपकी जीवटता भी जीवन में किसी से कम नहीं है। जिन कठिन परिस्थितियों में जिस ऊंचाई पर आप मां भारती की ढाल बनकर उसकी रक्षा, उसकी सेवा करते हैं, उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता। आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है, जहां, आप तैनात हैं। आपका निश्चय, उस घाटी से भी सख्त है, जिसको आप रोज अपने कदमों से नापते हैं। आपकी भुजाएं, उन चट्टानों जैसी मजबूत हैं, जो आपके इर्द-गिर्द हैं। आपकी इच्छा शक्ति आस पास के पर्वतों की तरह अटल हैं।
भारत ने दुनिया को ताकत दिखाई
अभी जो आपने और आपके साथियों ने वीरता दिखाई है, उसने पूरी दुनिया में ये संदेश दिया है कि भारत की ताकत क्या है। जब देश की रक्षा आपके हाथों में है, आपके मजबूत इरादों में है, तो सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि पूरे देश को अटूट विश्वास है और देश निश्चिंत भी है।
हर आक्रमण के बाद देश और मजबूत होकर उभरा
पूर्व-पश्चिम, उत्तर-दक्षिण से देश के हर कोने से देश के वीरों ने अपना शौर्य दिखाया। उनके सिंहनाद से धरती अब भी उनका जयकारा कर रही है। आज हर देशवासी का शीश आपके सामने आदरपूर्वक नतमस्तक होकर नमन करता है। हर आक्रमण के बाद भारत और मजबूत होकर उभरा है। राष्ट्र की, दुनिया की, मानवता की प्रगति के लिए शांति और मित्रता हर कोई मानता है। हम ये भी जानते हैं कि कमजोर शांति की पहल नहीं कर सकता। वीरता ही शांति की शर्त होगी। भारत आज जल-थल-नभ तक अपनी ताकत बढ़ा रहा है तो उसके पीछे का लक्ष्य मानव कल्याण ही है।
हमने हमेशा मानवता के लिए काम किया
विश्व युद्ध हो या विश्व शांति की बात, जब भी जरूरत पड़ी है विश्व ने हमारे वीरों का पराक्रम देखा भी है और महसूस भी किया है। हमने हमेशा मानवता और इंसानियत की रक्षा के लिए काम किया है। आप सभी भारत के इसी लक्ष्य को साबित करने वाले अगवा लीडर हो।
अब विस्तारवाद का दौर खत्म हुआ
आज विश्व विस्तारवाद नहीं, विकासवाद को समर्पित है और विकास की खुली स्पर्धा का स्वागत कर रहा है। राष्ट्र रक्षा से जुड़े किसी लीडर के बारे में सोचता हूं तो मैं सबसे पहले दो माताओं का स्मरण करता हूं। पहली- हम सभी की भारत माता, दूसरी- वे वीर माताएं जिन्होंने आप जैसे योद्धाओं को जन्म दिया है।
बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 3 गुना खर्च किया
आपके सम्मान, आपके परिवार के सम्मान और भारत माता की सुरक्षा को देश सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। सेना के लिए आधुनिक हथियार हो या आपने लिए साजो सामान, हम इस पर बहुत ध्यान देते रहे हैं। बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करीब 3 गुना कर दिया गया है। इससे बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट और सीमा पर सड़कें-पुल बनाने का काम भी बहुत तेजी से हुआ है। अब आप तक सामान भी कम समय में पहुंचता है। सेनाओं में समन्वय के लिए चीफ ऑफ डिफेंस के गठन की बात हो, या वॉर मेमोरियल का या फिर वन-पेंशन वन रैंक की बात हो। हम सेनाओं और सैनिकों को मजबूत कर रहे हैं।
जवानों के साहस से ही हर चुनौती पर जीत हासिल की
गलवान में जो अदम्य साहस दिखाया वो पराक्रम की पराकाष्ठा है। आपके साथ ही हमारे आईटीबीपी के जवान हों, बीएसएफ के साथी हों, बीआरओ, दूसरे संगठनों के जवान हों, आप सभी अद्भुत काम कर रहे हैं। कंधे से कंधा मिलाकर मां भारती की रक्षा के लिए समर्पित हैं। आप सभी की मेहनत से देश अनेक आपदाओं से एक साथ और पूरी जड़ता से लड़ रहा है। आप सभी से प्रेरणा लेते हुए हम मिलकर हर चुनौती पर विजय प्राप्त करते रहे हैं और करते रहेंगे। जिस भारत के सपने को लेकर आप सरहद पर देश की रक्षा कर रहे हैं, हम आपके सपनों का भारत बनाएंगे। इसमें 130 करोड़ देशवासी पीछे नहीं रहेंगे। मैं आपको यह विश्वास दिलाने आया हूं। हम आत्मनिर्भर भारत बनाकर ही रहेंगे।
मोदी के लद्दाख पहुंचने के बाद चीन की बौखलाहट सामने आई
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मिलिट्री और डिप्लोमैटिक बातचीत के जरिए दोनों देश तनाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में किसी भी पक्ष को ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे हालात बिगड़ें।
इससे पहले उत्तरी सेना और 14 कॉर्प्स के कमांडर ने प्रधानमंत्री को बॉर्डर के हालात की जानकारी दी। मोदी ने नीमू में 11 हजार फीट ऊंची फॉरवर्ड लोकेशन पर आर्मी, एयरफोर्स और आईटीबीपी के जवानों से बात की। नीमू से चीन की दूरी सिर्फ 250 किलोमीटर है। प्रधानमंत्री ने जवानों से बातचीत का फोटो इंस्टाग्राम पर शेयर किया। वे गलवान झड़प में घायल हुए सैनिकों से भी मिलेंगे।
सेना के लिए मोदी के दौरे के क्या मायने?
डिफेंस सेक्टर के एक्सपर्ट्स का कहना है कि मोदी के दौरे से सेना का ही नहीं बल्कि पूरे देश का हौसला बढ़ेगा। इस दौरे का पॉजिटिव पक्ष ये है कि नेता जब खुद स्पॉट या फ्रंटलाइन पर जाते हैं तो वे पर्सनली सिचुएशन को रिव्यू करते हैं। पूरी खबर पढ़ें…
जवानों ने भारत माता की जय के नारे लगाए
#WATCH: Prime Minister Narendra Modi among soldiers after addressing them in Nimmoo, Ladakh. pic.twitter.com/0rC7QraWTU
— ANI (@ANI) July 3, 2020
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- सेना का मनोबल बढ़ा
भारतीय सेना के रहते देश की सीमाएँ हमेशा सुरक्षित रही हैं।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi का आज लद्दाख़ जाकर सेना के जवानों से भेंट करके उनका उत्साहवर्धन करने से निश्चित रूप से सेना का मनोबल और ऊँचा हुआ है।मैं प्रधानमंत्रीजी के इस कदम की सराहना करते हुए उन्हें धन्यवाद देता हूँ।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 3, 2020
चीन ने कहा- तनाव कम करने के लिए बातचीत जारी
मोदी के लद्दाख पहुंचने के बाद चीन का भी कमेंट आया है। वहां के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मिलिट्री और डिप्लोमैटिक बातचीत के जरिए दोनों देश तनाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं। किसी भी पक्ष को कोई ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे स्थिति बिगड़े।
राजनाथ के जाने का कार्यक्रम था, मोदी पहुंच गए
राजनाथ सिंह का गुरुवार को लद्दाख जाने का कार्यक्रम था, लेकिन टाल दिया गया। आज फिर उम्मीद की जा रही थी कि राजनाथ लद्दाख पहुंचेंगे, लेकिन अचानक मोदी पहुंच गए। मोदी का लद्दाख दौरा विपक्ष को जवाब के तौर पर भी देखा जा रहा है। चीन के मुद्दे पर राहुल लगातार मोदी पर निशाना साध रहे थे। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री चीन का समर्थन क्यों कर रहे हैं? उन्हें सब कुछ साफ-साफ बताना चाहिए।
मोदी के दौरे पर कांग्रेस का तंज
पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा है कि जब इंदिरा गांधी लेह गई थीं तो पाकिस्तान के 2 हिस्से हुए थे। अब देखते हैं कि मोदी क्या करते हैं?
शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा- जवानों का हौसला बढ़ेगा
PM Modi’s visit to Leh is important and sends a good message of solidarity with the troops especially after his comments on June 19th. If he was criticised for that, he must be acknowledged for this.
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) July 3, 2020
मोदी ने कहा था- हमें जवाब देना आता है
मोदी ने 28 जून को मन की बात कार्यक्रम में कहा था कि लद्दाख में भारत की भूमि पर आंख उठाकर देखने वालों को करारा जवाब मिला। हमें दोस्ती निभाना और आंखों में आंखें डालकर जवाब देना आता है। अपने वीर सपूतों के परिवारों के मन में जो जज्बा है, उन पर देश को गर्व है। लद्दाख में हमारे जो वीर जवान शहीद हुए हैं, उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है।
सर्वदलीय बैठक में कहा था- सेना को फ्री हैंड दिया
गलवान की घटना के बाद मोदी ने 19 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। मीटिंग में उन्होंने कहा कि सेना को फ्री हैंड दे दिया है। इससे पहले कहा था कि हमारे जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। हम शांति चाहते हैं, लेकिन कोई उकसाएगा तो जवाब देने में भी सक्षम हैं।
तनाव कम करने के लिए भारत-चीन की आर्मी के अफसरों की बातचीत भी हो रही है। 30 जून को लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की तीसरी मीटिंग हुई थी। उसमें इस बात पर जोर रहा है कि विवादित इलाकों से सैनिक हटाए जाएं।
भारत-चीन सीमा विवाद पर आप ये भी खबरें पढ़ सकते हैं…
1. फ्रंट पर प्रधानमंत्री का पहुंचना हौसले का हाईडोज, इससे उन्हें असल हालात पता चलेंगे, ताकि तुरंत एक्शन ले सकें
2. मोदी ने चीन और दुनिया को बताया- लद्दाख का ये पूरा इलाका भारत का है, जहां न सिर्फ सेना खड़ी है, बल्कि देश के प्रधानमंत्री भी मौजूद हैं
3. मोदी ने फिर चौंकाया, चीन से जारी तनाव के बीच लद्दाख पहुंचे; मैप के जरिए सीमा की रणनीति भी समझी
4. 5 लाइव रिपोर्ट्स से जानिए इन दिनों क्या हैं लेह में हालात, पढ़ें उनकी कहानी भी जिनके अपने गलवान में तैनात हैं