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संवैधानिक बदलाव को लेकर आज से 7 दिन तक वोटिंग, कानून बना तो पुतिन 2036 तक राष्ट्रपति बने रह सकते हैं

  • रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कार्यकाल 2024 में खत्म हो रहा है
  • संवैधानिक बदलाव होने पर पुतिन अगला 2 कार्यकाल भी पूरा कर सकेंगे

दैनिक भास्कर

Jun 25, 2020, 04:28 PM IST

मॉस्को. रूस के संविधान में बदलाव को लेकर गुरुवार से वोटिंग की शुरुआत हो गई। यह 1 जुलाई तक चलेगी। अगर संशोधन के पक्ष में वोटिंग होती है तो इसके कानून बनने के बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले दो कार्यकाल यानी 2036 तक राष्ट्रपति बन सकते हैं। यहां राष्ट्रपति का कार्यकाल 2012 में 6 साल का कर दिया गया।

जीवनभर राष्ट्रपति बने रहेंगे पुतिन: विपक्ष

जानकारी के मुताबिक, आधिकारिक रूप से वोटिंग 1 जुलाई को होने वाली थी। लेकिन अधिकारियों ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी के बीच भीड़ को कम करने के लिए एक हफ्ते पहले ही वोटिंग हो रही है। इस पर विपक्षी नेता एलेक्सी नवालनी ने कहा कि इस बदलाव के बाद पुतिन जीवनभर राष्ट्रपति बने रहेंगे। वहीं, पुतिन ने कहा है कि वे रूस की स्थिरता सुनिश्चित करेंगे।

बदलाव हुआ तो अगले कार्यकाल पर विचार करेंगे: पुतिन

हालांकि, राष्ट्रपति ने सार्वजनिक रूप से कभी ये नहीं कहा है कि वे 2024 का चुनाव फिर से लड़ेंगे। उनका कार्यकाल 2024 में खत्म हो रहा है। उन्होंने यह जरूर कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो इसपर विचार कर सकते हैं। पुतिन ने पिछले हफ्ते एक इंटव्यू में कहा था मुझे पता है कि दो साल में सभी की नजरें काम की बजाए अगले उत्तराधिकारी पर होंगी।

वोटिंग से क्या बदलाव होगा?
अगर वोटिंग पुतिन के पक्ष में हुई तो इससे उनका अब तक कार्यकाल शून्य मान लिया जाएगा और वे फिर से अगला कार्यकाल पूरा कर सकते हैं। पुतिन पिछले 20 सालों से राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता में हैं। बाल्टिक तट पर कैलिनिनग्राद से प्रशांत तक लगभग 11 करोड़ वोटर्स वोटिंग के योग्य हैं। देशभर के मतदान केंद्रों पर मास्क और हैंड सैनिटाइजर दिया जा रहा है। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि पूर्वी यूक्रेन में रूसी पासपोर्ट वाले लोग भी वोटिंग कर सकते हैं।

पुतिन पहली बार 2000 में राष्ट्रपति बने थे

मेदवेदेव के राष्ट्रपति रहने के दौरान राष्ट्रपति का कार्यकाल 6 साल कर दिया गया था। पुतिन पहली बार 7 मई 2000 को राष्ट्रपति बने थे। उनका पिछला कार्यकाल 2008 में पूरा हुआ था। इसके बाद मेदवेदेव राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे और पुतिन प्रधानमंत्री बने थे। हालांकि, सरकार की असल कमान पुतिन के हाथों में थी। 2012 में एक बार फिर से पुतिन राष्ट्रपति बने और मेदवेदेव प्रधानमंत्री चुने गए। राष्ट्रपति के रूप में 7 मई 2020 को उन्हें 16 साल हो गए। इस दौरान देश में कई बदलाव देखने को मिले। इसके साथ ही राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने खुद को बेहद मजबूत बनाया।

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