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लॉकडाउन में तनाव और नकारात्मकता दूर करने के लिए सुबह-सुबह सुनें राग भैरव-राग आसवरी: हाई बीपी को कंट्रोल करेगा राग कल्याण

  • राग बिलावल खुशनुमा राग है इसे सुबह सुनें, यह मन में जोश और उमंग भरता है, नकारात्मक विचार दूर करता है
  • राग आसवरी को खाना बनाते वक़्त सुनना चाहिये, खाना स्वादिष्ट बनता है और तनाव दूर करता है

दैनिक भास्कर

Jun 20, 2020, 09:26 PM IST

लॉकडाउन के इस दौर में म्यूजिक थैरेपी एक अच्छा विकल्प है। हर राग का एक समय होता है और उसके अनूकूल हमारे शरीर पर उसके प्रभाव भी होते हैं। मुख्य रूप से 10 राग होते हैं और 72 हजार सब-राग होते हैं। 21 को वर्ल्ड म्यूजिक डे के तौर पर मनाया जाता है। इस मौके पर मनोवैज्ञानिक डॉ. गीता नरहरि बता रही हैं कौन सा राग कब सुनें, उसके क्या प्रभाव हैं और उस राग पर कौन सा प्रचलित बॉलीवुड गीत बना है-

राग बिलावल : ये प्रातःकालीन खुशनुमा राग है। इससे मन जोश और उमंग से भर जाता है, नकारात्मक विचार दूर होते हैं
गाने- ईचक दाना बीचक दाना, सुनो सजना पपिहे ने।

राग भैरव : ये प्रातः काल राग है। इसे सुनने से शरीर और मन ऊर्जा से भर जाते हैं। सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और मन प्रसन्न रहता है।

गाने- जागो मोहन प्यारे, और सुनरी पवन पुरवैया।

राग भैरवी : सुबह का राग। ऑन्कोजेनिक सेल रिडक्शन में मदद करता है। कीमोथैरिपी के वक्त इसे सुनने से आराम मिलता है। सब-राग मालकौंस ब्लड प्रेशर के मरीजों को आराम देता है।
गाने- लागा चुनरी में दाग, भोर भई पनघट पर, हमें तुमसे प्यार कितना, जिया जले जां जले, जिंहाले मस्की हैं।

राग आसवरी : रोमैंटिक राग, कपल्स के लिए खास। उम्मीद जगाता है, सकारात्मकता देता है। इसका सब राग – राग दरबारी है। इसी राग को तानसेन ने अकबर के लिए बनाया था। खाना बनाते वक़्त सुनना चाहिये, खाना स्वादिष्ट बनता है। टेंशन दूर करने में मदद करता है।
गाना- जादू तेरी नजर, लो आ गई उनकी याद, हमें और जीने की चाहत ना होती। 

राग तोड़ी : यह भी सुबह का राग है, इसे मेडिटेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए आरामदायक। इसका सब राग- राग मियां की तोड़ी। यह सिरदर्द और सर्दी जुकाम में रिलीफ देता है।
गाना- रैना बीती जाए, श्याम ना आए।

राग काफी : किसी भी वक्त सुना जा सकता है। रोमैंटिक मूड का राग है। इसका सब राग -राग मल्हार है। इसे सुनने से अस्थमा और लू के इलाज में मदद मिलती है। इसका एक और सब राग है राग बागेश्री। इससे डायबटीज और बीपी के इलाज में आराम मिलता है।
गाने- ये रात ये चांदनी फिर कहां, गैरों पर सितम अपनों पे करम

राग पूर्वी : यह राग गोधूलि बेला में सुना जाता है। इसका सब राग है राग पूरिया धनश्री। यह दिमाग को स्थिर रखता है और एक सुखद एहसास देता है। एसिडिटी से बचाता है, पाचन तंत्र को ठीक रखता है।
गाना- मोहे रंग दो लाल

राग खमज : रात को सुना जाता है। इससे मन शांत होता है।
गाने- प्यार हुआ चुपके से, बड़ा नटखट है ये कृष्ण कन्हैया, कुछ तो लोग कहेंगे।

राग कल्याण : शाम का राग है, जो सुंदरता का बखान करता है। इसका सब राग – राग भूपाली। यह ब्लड प्रेशर कन्ट्रोल करता है।
गाना- ज्योति कलश छलके

सब राग – राग हिंडोल। यह खून साफ करता है
गाने- जिया ले गयो रे मेरा सांवरिया, मौसम है आशिकाना, वो शाम कुछ अजीब थी।

राग मारवा : यह शाम के वक्त सुना जा सकता है।
गाना- पायलिया बावरी

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