सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सीबीआई की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम की जमानत को चुनौती दी गई थी। सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया केस में आरोपी चिंदबरम को जमानत दिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि बेल दिए जाने के फैसले पर पुनर्विचार किया जाए।
जस्टिस पी भानुमती, जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा- ओपन कोर्ट में सुनवाई की याचिका हम खारिज करते हैं। हमने याचिका और इससे जुड़े दस्तावेज देखे हैं और हम यह मानते हैं कि बेल दिए जाने का फैसले में कोई गड़बड़ी नहीं है। इस फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत नहीं है।
अदालत ने जांच एजेंसी की दलील को खारिज कर दिया था
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई केस में चिदंबरम को 22 अक्टूबर 2019 को जमानत दी थी। अदालत ने जांच एजेंसी की उस दलील को खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि आरोपी भारत छोड़कर भाग सकता है। इसके बाद ईडी द्वारा दाखिल केस में भी दिसंबर में चिदंबरम को जमानत मिली थी।
106 दिन जेल में रहने के बाद मिली थी चिदंबरम को जमानत
21 अगस्त 2019 को भ्रष्टाचार के मामले में चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया था। इसके तुरंत बाद ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया था। दोनों ही केस में जमानत के बाद चिदंबरम जेल से रिहा हुए। उन्हें 4 दिसंबर 2019 को बेल मिली थी। यानी वे 106 दिन तक जेल में रहे।
सीबीआई ने 10 साल बाद मई 2017 में चिदंबरम के खिलाफ केस दर्ज किया था
ईडी ने दावा किया था कि चिदंबरम जेल में रहने के बावजूद गवाहों को प्रभावित कर रहे हैं। दूसरी तरफ चिदंबरम ने कहा था कि जांच एजेंसी आधारहीन आरोप लगाकर उनका करियर और प्रतिष्ठा बर्बाद नहीं कर सकती।आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ का फायदा पहुंचाने के मामले में सीबीआई ने 10 साल बाद मई 2017 में चिदंबरम के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसके बाद ईडी ने भी उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें