- शुक्रवार को जीडीपी के आंकड़े जारी किए गए थे
- सरकार का खर्च अनुमान के बराबर ही रहा
दैनिक भास्कर
May 29, 2020, 08:23 PM IST
मुंबई. देश की जीडीपी की तुलना में फिस्कल डेफिसिट ने सरकार के लक्ष्य को पीछे छोड़ दिया है। सरकार का लक्ष्य 3.8% था, जबकि यह 4.59% पर पहुंच गया। शुक्रवार को कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स (सीजीए) द्वारा जारी आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है। पिछले वित्त वर्ष के लिए भारत का फिस्कल डेफिसिट मार्च से शुरू हुआ था। यह सरकार के अनुमान से लगभग 80 बीपीएस ज्यादा हो गया।
फरवरी में बजट में 3.8 प्रतिशत का अनुमान लगाया था वित्तमंत्री ने
इस आंकड़े का मतलब यह होगा कि सरकार के पास ऐसे समय में कोरोनावायरस संकट से प्रभावित व्यवसायों और व्यक्तियों को आर्थिक राहत प्रदान करने के लिए सीमित विकल्प उपलब्ध होंगे। देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई पहले ही अपनी ज्यादा क्षमताओं का उपयोग कर चुका है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में बजट पेश करते हुए 2019-20 के लिए राजकोषीय घाटा (फिस्कल डेफिसिट) 3.8% आंका था, जो मूल बजट अनुमान में 3.3% था।
फिस्कल डेफिसिट में वृद्धि टैक्स कलेक्शन में कमी से हुई
राजकोषीय घाटे में यह वृद्धि मुख्य रूप से 2019-20 के दौरान टैक्स कलेक्शन में कमी के कारण हुई है। वर्ष के दौरान राजस्व प्राप्तियों (revenue receipts) में रिवाइज्ड एस्टीमेट का केवल 90 प्रतिशत ही काम किया गया। सरकार की कुल प्राप्तियां (receipts) 19.31 लाख करोड़ रुपए के अनुमान के मुकाबले 17.5 लाख करोड़ रुपए थीं।
सरकार का कुल खर्च 26.86 लाख करोड़ रुपए
आंकड़ों से पता चला है कि सरकार का कुल खर्च 26.86 लाख करोड़ रुपए था, जो पहले अनुमानित 26.98 लाख करोड़ रुपए से मामूली कम है। वित्त वर्ष के दौरान राजस्व घाटा जीडीपी का 3.27% तक बढ़ गया, जबकि रिवाइज्ड एस्टीमेट में यह 2.4% था। बता दें कि शुक्रवार को जीडीपी के आंकड़े जारी किए गए। मार्च तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 3.1% रही, जबकि पूरे साल के दौरान यह 4.2% रही। पिछले वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 6.1% थी।