May 6, 2024 : 9:44 PM
Breaking News
खेल

कोरोना के बाद विदेशी कोच को लाना बड़ी चुनौती, पूर्व भारतीय इंटरनेशनल मेडलिस्ट को कोचिंग के लिए तैयार करें: सिंधु

  • ओलिंपिक में रजत पदक विजेता पीवी सिंधु ने कहा- दिग्गज भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों के अनुभव का फायदा लेना चाहिए
  • ‘भारत में कई चैम्पियन पैदा हो सकते हैं, लेकिन परिवार के अलावा कोच और अधिकारियों को मिलकर काम करना होगा’

दैनिक भास्कर

May 05, 2020, 07:53 PM IST

वर्ल्ड चैम्पियन भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने विदेश कोचों को लेकर चिंता जाहिर की है। रियो ओलिंपिक में पदक विजेता ने कहा कि कोरोनावायरस (कोविड-19) के बाद विदेशी कोचों को लाना काफी मुश्किल होगा। यह हमारे लिए बड़ी चुनौती होगी, इसलिए हमें इसकी तैयारी पहले ही करनी चाहिए। सिंधु ने सोमवार को ऑनलाइन प्लेटफार्म वेबिनार पर स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) के नए असिस्टेंट डायरेक्टर से बात की। उन्होंने कहा कि भारत के कई खिलाड़ियों ने इंटरनेशनल मेडल जीते हैं। उन्हें कोचिंग के लिए तैयार करना चाहिए।

सिंधु ने युवा अधिकारियों से कहा कि उन्हें प्रत्येक खिलाड़ी की रिपोर्ट बनानी चाहिए। सभी प्लेयर्स और उनके पैरेंट्स के साथ संपर्क बनाकर रखें और बातचीत करते रहना चाहिए। युवा अधिकारियों के लिए जरूरी है कि खिलाड़ियों और उनके पैरेंट्स से फीडबैक को लेकर योजना तैयार करना चाहिए।

सिंधु ने कहा, ‘‘कोरोना महामारी के बाद विदेशी कोच भारत आने में रूचि नहीं लेंगे। ऐसे में इस चुनौती से निपटने के लिए हमें तैयार रहना चाहिए। अपने देश में कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने देश के लिए मेडल जीता है। हमें उनके अनुभव का फायदा उठाना चाहिए। इन खिलाड़ियों को कोचिंग के लिए मौका देना जाना चाहिए और उन्हें प्रेरित करना चाहिए।’’

परिवार और अधिकारी मिलकर काम करेंगे, तभी चैम्पियन पैदा होंगे
सिंधु ने कोच, परिवार और खेल अधिकारियों के महत्व को भी बताया। उन्होंने कहा, ‘‘तीनों को मिलकर काम करना होगा, तभी देश को चैम्पियन खिलाड़ी दे सकते हैं। कोचों को पैरेंट्स से बातचीत कर उन्हें जागरूक करना चाहिए। पैरंट्स को खिलाड़ियों के डाइट और प्रैक्टिस के बारे में बताना चाहिए।’’

ओलिंपिक मेडल जीतने में पैरंट्स ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
बैडमिंटर स्टार ने अपनी जीवन यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘रियो ओलिंपिक से पहले 2015 में वह चोटिल हो गई थीं। ऐसे में उनकी मां नौकरी छोड़कर उनके साथ ही रहने लगी। उनके पिता ने 2 साल की छुट्‌टी लेकर चोट से उभरने में उनकी सहायता की। तब जाकर वे रियो ओलिंपिक में देश के लिए सिल्वर मेडल जीतने में सफल हुईं।’’ सिंधु ने कहा कि युवा खिलाड़ियों को अपनी ट्रेनिंग और उम्र को लेकर ज्यादा सजग रहना चाहिए। खिलाड़ियों को उम्र की धोखाधड़ी से भी बचना चाहिए।

Related posts

टोक्यो ओलिंपिक में भारत का दम:लवलिना बोरगोहेन बॉक्सिंग में मेडल की दावेदार, अखबार में मोहम्मद अली के बारे में पढ़कर जागी थी इस खेल में दिलचस्पी

News Blast

वेस्टइंडीज टीम इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में ब्लैक लाइव्स मैटर लोगो वाली टी-शर्ट पहनकर खेलेगी, आईसीसी ने मंजूरी दी

News Blast

भुवनेश्वर कुमार ने कहा- सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से खेलना करियर का टर्निंग पॉइंट रहा, डेथ ओवर गेंदबाजी के दबाव से निपटना सीखा

News Blast

टिप्पणी दें