May 16, 2024 : 12:50 PM
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सीबीआई का खुलासा: मनसुख हिरेन को मारने लिए पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा ने ली थी बड़ी रकम

विस्तार

एंटीलिया केस में सीबीआई ने एक और खुलासा किया है। सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि मनसुख हिरेन को मारने लिए सजिशकर्ता सचिन वाजे द्वारा पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को बड़ी रकम का भुगतान किया गया था और शर्मा ने अपने साथी संतोष के साथ मनसुख एक योजना के तहत मार डाला।चार्जशीट में बताया कि हिरेन की मौत से दो दिन पहले वाजे ने एक बैठक बुलाई थी जिसमें पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा के साथ एक और पुलिसवाला सुनील माने शामिल हुए ताकि दोनों को यह पता चले कि मनसुख कैसा दिखता है।इसके बाद काम को प्रदीप शर्मा को सौंपा गया। फिर आरोपी संतोष शेलार को शर्मा ने फोन किया और हत्या के बदले नगद पैसे की बात कही। इसके बाद आरोपी संतोष ने काम के लिए हां बोल दिया।

चार्जशीट में सामने आया कि कार हिरेन की थी जो वाजे ने उधार ली थी। लेकिन घटना के कुछ हफ्ते पहले उसके पास वापस आ गई थी। चार्जशीट में कहा गया है कि 3 मार्च को वाजे ने शर्मा से मुलाकात की और एक बैग में भारी मात्रा में नकदी सौंपी। नगदी में ज्यादातर 500 रुपये के नोट के बंडल थे।

बताया गया है कि नकद राशि मिलने करने के बाद शर्मा ने शेलार को फोन किया और गाड़ी का पूरा हाल बताया, जिसका इस्तेमाल वह हिरेन को मारने और उसके मृत शरीर को ठिकाने लगाने के लिए करना चाहता था।

पूरी जानकारी मिलने के बाद माने ने हिरेन को उठाया और शेलार को सौंप दिया। शेलार, मनीष सोनी, सतीश मोथुकारी और आनंद जाधव के साथ गाड़ी में इंतजार कर रहा था। यहां हिरेन की गला घोंटकर हत्या कर दी गई। चारों ने मिलकर ने हिरेन के शव को नाले में फेंक दिया।  प्रदीप शर्मा के सहयोग से हिरेन को ठिकाने लगाया 
एनआईए के मुताबिक, वाजे चाहता था कि विस्फोटक लदी कार खड़ी करने का आरोप हिरेन स्वीकार कर ले, लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं था। इसलिए मुंबई पुलिस के पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा के सहयोग से हिरेन को ठिकाने लगाया गया। हिरेन का शव पांच मार्च को मुंब्रा की रेतीबंदर खाड़ी में मिला था, जिसे आत्महत्या बताने की कोशिश की गई।

इस मामले में एनआईए ने सजायाफ्ता कांस्टेबल विनायक शिंदे, क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गौर, पूर्व पुलिस अधिकारी रियाजुद्दीन काजी, इंस्पेक्टर सुनील माने, आनंद जाधव, सतीश मोथकुरी, मनीष सोनी और संतोष शेलार को वाजे व प्रदीप शर्मा के साथ आरोपी बनाया है। एनआईए ने इन सभी पर हत्या, साजिश और अपहरण के मामले में आरोप तय किए हैं।

क्या है पूरा मामला
बता दें, इसी वर्ष 25 फरवरी को एंटीलिया के पास एक विस्फोटक लदी कार मिली थी। इस कार से पुलिस ने 20 जिलेटिन की छड़ें बरामद की थीं। इस खबर से मुंबई से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया था। उस वक्त मुंबई पुलिस की खुफिया शाखा के प्रमुख रहे सहायक पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे इसकी जांच कर रहे थे।

चूंकि मामला विस्फोटकों और देश के नामी उद्योगपति से जुड़ा था, इसलिए जांच को एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया था। बाद में एनआईए ने वाजे को ही पूरी साजिश का सूत्रधार बताते हुए गिरफ्तार कर लिया था।

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