May 20, 2024 : 4:20 PM
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भारतीय IT सेक्टर FY22 के लिए 1 लाख से ज्यादा फ्रेशर्स को देगा जॉब

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कोरोना संकट के कारण जब लोगों की नौकरियां जा रही हैं तो देश के आईटी सेक्टर से रोजगार के मोर्चे पर राहत की खबर आ रही है. दरअसल दुनिया भर में टेक्नोलॉजी सर्विस की बढ़ती डिमांड को पूरा करने के लिए इंडस्ट्री के अनुमानों के अनुसार IT सर्विस सेक्टर इस फाइनेंशियल ईयर में 150,000 से ज्यादा फ्रेश ग्रेजुएट्स को नौकरी देने जा रहा है.

अनुमान है कि देश के टॉप चार सॉफ्टवेयर एक्सपोर्टर्स  टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंफोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और विप्रो मुख्य रूप से भारत में 1 लाख 20 हजार से अधिक फ्रेशर्स को जॉब देंगे, जबकि एलटीआई और माइंडट्री जैसी मिड-साइज की फर्में भी इस फाइनेंशियल ईयर में बड़ी संख्या में कॉलेज ग्रेजुएट्स को अपाइंट करेंगी. बता दें कि टीसीएस, इंफोसिस, एचसीएल और विप्रो का देश के कुल आईटी सर्विस रेवेन्यू में एक तिहाई से ज्यादा का योगदान है. स्टाफिंग सॉल्यूशंस फर्म, एक्सफेनो के सह-संस्थापक कमल कारंत कहते हैं कि, “आईटी सेवा कंपनियों ने अपनी बेंच को समाप्त कर दिया है और नए प्रोजेक्ट पर तैनात करने के लिए पर्याप्त लोग नहीं हैं क्योंकि ये बड़ी डील विन करते हैं.”

भारतीय IT की टॉप 4 कंपनियों ने बड़ी-बड़ी डील हासिल की हैं

गौरतलब है कि भारतीय आईटी की टॉप चार कंपनियों ने बड़ी-बड़ी डील हासिल की है क्योंकि ग्लोबल कॉरपोरेशन ने महामारी के बाद डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर खर्च बढ़ाया है. जहां टीसीएस ने प्रूडेंशियल फाइनेंशियल डील की तो  वहीं इंफोसिस ने डेमलर कॉन्ट्रैक्ट जीता और विप्रो ने मेट्रो एजी से डील हासिल की. वहीं कारंत ने कहा, “ज्यादातर (भारतीय आईटी) सर्विस कंपनियों ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी फ्रेशर हायरिंग को धीमा कर दिया था, जबकि महामारी के दौरान इन लोगों का यूटिलाइजेशन काफी बढ़ा है,” कारंत ने कहा कि अगले 12-18 महीनों में फ्रेशर्स की मांग बढ़ने की उम्मीद है. इसकी एक वजह ये भी है कि मौजूदा बाजार स्थितियों में सीनियर टैलेंट को काम पर रखना बहुत अधिक महंगा होने की उम्मीद है.

टॉप 4 कंपनियों में हायरिंग बूम

बड़ी चार कंपनियां जिनमें भारत के 4.6 मिलियन आईटी कर्मचारियों में से एक चौथाई से अधिक कार्यरत हैं, ने जून तिमाही में 48,500 से अधिक लोगों को काम पर रखा था. भारत की सबसे बड़ी सर्विस फर्म, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने जून तिमाही के दौरान 500,000 कर्मचारियों का आंकड़ा पार किया, जिसमें 20,400 से अधिक कर्मचारी शामिल हुए. वहीं इंफोसिस ने 8,200 से अधिक प्रोफेशनल्स को जॉब दी, जबकि विप्रो ने अपने कर्मचारियों में 12,000 से अधिक लोगों को शामिल किया एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने जून तिमाही में 7,500 लोगों को नौकरी दी.

इन्फोसिस FY22 के लिए कॉलेज ग्रेजुएट की भर्ती करेगी

इन्फोसिस के चीफ ऑपरेटिंग अधिकारी प्रवीण राव ने कहा कि,“जैसा कि डिजिटल टैलेंट की डिमांड में तेजी आई है, उद्योग में बढ़ती हुई नौकरी एक नियर-टर्म की चुनौती बन गई है.उन्होंने कहा कि हमने वित्त वर्ष 2022 के लिए कॉलेज ग्रेजुएट्स के हमारे भर्ती कार्यक्रम को ग्लोबल लेवल पर लगभग 35,000 तक बढ़ाकर इस मांग को पूरा करने की योजना बनाई है.

HCL 22,000 से अधिक फ्रेशर्स को देगी जॉब

वहीं एचसीएल टेक्नोलॉजीज के चीफ ह्यूमन रिसॉर्स अधिकारी वीवी अप्पा राव का कहना है कि कंपनी ने पिछले दो क्वार्टर में 16,800 से अधिक कर्मचारियों को शामिल किया था. साथ ही पिछली क्वार्टर में 3,000 एडिशनल थर्ड पार्टी कॉन्ट्रेक्टर्स जोड़े गए थे. उन्होंने कहा कि फर्म की योजना पिछले साल के 14,000 से बढ़कर 22,000 से अधिक फ्रेशर्स को नियुक्त करने की है.

विप्रो ने तिमाही के दौरान 12150 नए कर्मचारी जोड़े

वहीं विप्रो जिसने 200000 एम्पलॉई मार्क को पार कर लिया है ने तिमाही के दौरान 12150 नए कर्मचारी जोड़े, जिनमें से 2000 से अधिक फ्रेशर थे. यह एक दशक में कर्मचारियों की संख्या में सबसे ज्यादा तिमाही वृद्धि थी.

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