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- Court Angry At Police’s Mild Reply; Case Of Death Of 21 Corona Patients In Private Hospital In April
नई दिल्लीएक दिन पहले
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- कोर्ट की टिप्पणी- संवेदनशील मामले को पुलिस हल्के में ले रही है
ऑक्सीजन की कमी के चलते निजी अस्पताल में विगत अप्रैल में मारे गए 21 कोरोना मरीजों की मौत के मामले में पुलिस के हल्के जवाब पर अदालत ने नाराजगी जताई है। रोहिणी की एक अदालत ने कहा कि यह मामला बेहद संवेदनशील है और पुलिस का इस तरह से जवाब मान्य नहीं है।
अदालत ने मामले के जांच अधिकारी को भी लताड़ लगाई और साथ ही संबंधित डीसीपी को सही तरीके से जवाब दाखिल करने के लिए आखिरी मौका दिया है। जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण 21 मरीजों की मौत हो गई थी। इसके बाद कुछ मृतकों के परिजनों ने अदालत में याचिका दायर कर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की थी। इस पर अदालत ने संबंधित थाना प्रभारी से जवाब मांगा था।
मंगलवार को अदालत ने पुलिस की तरफ से दायर जवाब पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा इतने संवेदनशील मामले को पुलिस हल्के में ले रही है। अभी तक केस दर्ज नहीं हुआ है और न ही कोई गिरफ्तारी हुई है। ऐसे में पुलिस से इंसाफ की कितनी उम्मीद की जा सकती है। जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में यह तक नहीं बताया कि अभी तक जांच की दिशा में क्या कदम उठाए गए।
परिजनों की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के बजाए पुलिस प्रशासन उन्हें बचाने में लगा हुआ है। जांच को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। अगर अस्पताल प्रबंधन के पास पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं थी तो मरीजों को भर्ती ही नहीं करना चाहिए था।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि अस्पताल प्रबंधन ने सभी को अंधेरे में रखा और गैर इरादतन हत्या जैसे कृत्य को अंजाम दिया है। प्रबंधन की तरफ से की गई यह घोर लापरवाही किसी धोखे से कम नहीं है।
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