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योग-संयोग:8 दिन के गुप्त नवरात्र में खरीदारी, निवेश और नए कामों की शुरुआत के लिए 7 शुभ मुहूर्त; दो बड़े पर्व भी रहेंगे

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  • 7 Auspicious Times For Buying, Investing And Starting New Works In The 8 day Gupt Navratri; There Will Also Be Two Big Festivals

10 घंटे पहले

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  • नवरात्र की सप्तमी तिथि पर होगा सूर्य का राशि परिवर्तन, इस दिन से शुरू हो जाएगा दक्षिणायन

11 जुलाई, रविवार से गुप्त नवरात्र शुरू हो गए हैं। इन दिनों में दस देवियों की आराधना के साथ ही सिद्धि, स्थिर, अमृत और अन्य शुभ योग रहेंगे। जिससे नवरात्र में प्रॉपर्टी की खरीदारी, रियल एस्टेट में निवेश और हर तरह की खरीदारी के साथ नए कामों की शुरुआत के लिए 7 दिन शुभ मुहूर्त रहेंगे। इनके अलावा स्नान-दान के लिए सप्तमी तिथि पर कर्क संक्रांति और नवरात्र के आखिरी दिन भड़ली नवमी का अबूझ मुहूर्त रहेगा। इन दोनों पर्वों पर किए गए शुभ कामों से कई गुना पुण्य मिलता है।

गुप्त नवरात्र में आएंगे ये विशेष योग
11 जुलाई : रविपुष्य, सर्वार्थसिद्धि
13 जुलाई : सिद्धि योग, गुरु-चंद्रमा का दृष्टि संबंध, राजयोग
14 जुलाई : स्थिर और गजकेसरी राजयोग
15 जुलाई : पूर्णा तिथि और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र से मातंग योग
16 जुलाई : शिव योग और हस्त नक्षत्र से अमृत योग
17 जुलाई : जया तिथि और सिद्ध नाम का शुभ योग
18 जुलाई: रवियोग, भड़ली नवमी का अबूझ मुहूर्त
(पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के मुताबिक )

सूर्य का दक्षिणायन
नवरात्र की सप्तमी तिथि पर यानी 16 जुलाई, शुक्रवार को सूर्य मिथुन से निकलकर कर्क राशि में आ जाएगा। इस दिन से सूर्य राशि बदलकर दक्षिणायन हो जाएगा। इस दिन से अगले 6 महीने तक सूर्य दक्षिणी गोलार्द्ध में रहेगा। धर्म ग्रंथों में इस स्थिति को देवताओं की रात कहा जाता है। इसलिए इन दिनों में विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कामों की मनाही होती है, लेकिन इनके अलावा खरीदारी और अन्य शुभ काम किए जा सकेंगे।

स्नान-दान के दो खास पर्व
16 जुलाई, शुक्रवार को सप्तमी पर सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करेगा। इस दिन कर्क संक्रांति मनाई जाएगी। सूर्य के संक्रांति पर्व पर तीर्थ या पवित्र नदियों के जल से स्नान करने की परंपरा है। साथ ही इस दिन जरूरतमंद लोगों को अन्नदान भी किया जाता है। ऐसा करने से कभी न खत्म होने वाला पुण्य फल मिलता है। जिससे जाने-अनजाने में हुए पाप भी खत्म हो जाते हैं।

इसके 2 दिन बाद यानी रविवार को आषाढ़ महीने के शुक्लपक्ष की नवमी तिथि रहेगी। इसे भड़ली नवमी कहा जाता है। लोक परंपरा में इसे अबूझ मुहूर्त भी मानते हैं। इस दिन खरीदारी और शुभ कामों की शुरुआत के साथ ही स्नान- दान करने की भी परंपरा है। माना जाता है इस दिन शुरू किए गए कामों में सफलता मिलती है। साथ ही किए गए शुभ कामों का कई गुना पुण्य फल भी मिलता है।

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