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- Service Sector Activity In June At The Lowest In Almost A Year, IHS Markit’s Service PMI Declined For The Second Consecutive Month
18 घंटे पहले
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जून में उत्पादन गतिविधियों में कमी की तरह ही सर्विस सेक्टर में भी काफी कम एक्टिविटी रही। यह जानकारी सोमवार को जारी सर्विस सेक्टर के PMI डेटा से मिली है। दरअसल, कोविड की दूसरी लहर पर काबू पाने के लिए सरकार ने लोगों की आवाजाही पर सख्ती बढ़ा दी थी। इसके चलते मांग में भारी गिरावट आई जिसको देखते हुए सर्विस सेक्टर की कंपनियों ने बड़े पैमाने पर छंटनी की थी।
कंपोजिट इंडेक्स मई के 48.1 से गिरकर जून में 43.1 पर आ गया
एशिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी का IHS मार्किट सर्विस परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स जून में तेज गिरावट के साथ 41.2 पर आ गया। मई में यह इंडेक्स बड़ी कमजोरी के साथ जुलाई 2020 के बाद सबसे निचले स्तर, 46.4 पर आ गया था। इस इंडेक्स के 50 से नीचे होने का मतलब डीग्रोथ होता है। मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस एक्टिविटी में कमी आने से कंपोजिट इंडेक्स मई के 48.1 से गिरकर जून में 43.1 पर आ गया।
नए ऑर्डर, प्रॉडक्शन और रोजगार में गिरावट दूसरी लहर में ज्यादा
IHS मार्किट में इकोनॉमिक्स की एसोसिएट डायरेक्टर पॉलियाना दे लीमा ने कहा, ‘भारत में अभी कोरोना संक्रमण की जो दर है, उसके हिसाब से (दूसरी लहर के दौरान) सर्विस सेक्टर की एक्टिविटी में कमी आनी ही थी। जून के सर्विस सेक्टर का PMI डेटा बताता है कि जून में नए ऑर्डर, प्रॉडक्शन और रोजगार में गिरावट पहली लहर के दौरान हुए लॉकडाउन के मुकाबले ज्यादा रही थी।’
रोजगार में कमी का संकट अगले साल बढ़ सकता है
जून में मांग कमजोर रहने की वजह से स्टार्टअप सब इंडेक्स जुलाई 2020 के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया था। इसके चलते कंपनियों ने लगातार सात महीने अपने वर्कफोर्स में कटौती की। सबसे ज्यादा छंटनी इस साल जून में हुई। न्यूज एजेंसी रायटर की तरफ से पिछले महीने कराए गए सर्वे के मुताबिक, रोजगार में कमी का संकट अगले साल बढ़ सकता है।
पिछले महीने एक साल में पहली बार घटी थी मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी
सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में कमी बिजनेस सेक्टर की एक्टिविटी में आई गिरावट के मुताबिक रही थी। IHS मार्किट ने गुरुवार को एक सर्वे के रिजल्ट जारी किए थे, जिसके मुताबिक पिछले महीने मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में लगभग पिछले एक साल में पहली बार डीग्रोथ हुई थी।
जून में भी बढ़ी थी कंपनियों की इनपुट कॉस्ट
कच्चे माल की कीमत और माल भाड़े में बढ़ोतरी के चलते जून में कंपनियों की इनपुट कॉस्ट में फिर बढ़ोतरी हुई थी। यह बताता है कि अगले कुछ महीने महंगाई दर के रिजर्व बैंक (RBI) के कंफर्ट जोन 2-6% से बाहर रह सकता है। मई में महंगाई 6% से ऊपर छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। लेकिन RBI का ध्यान ग्रोथ को सपोर्ट देने पर होने के चलते महंगाई पर रोकथाम के लिए ब्याज बढ़ाए जाने की संभावना नहीं है।
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