[ad_1]
Hindi NewsNationalCBSE Class 10 Board Exam 2021 Results: This Is How Class 10th Marks Will Be Evaluated Latest News And Updates
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
नई दिल्ली4 मिनट पहले
कॉपी लिंक
कोरोना के चलते CBSE ने 14 अप्रैल को इस साल होने वाली 10वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी थीं।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट 20 जून को घोषित किया जाएगा। CBSE ने शनिवार की रात रिजल्ट की तारीखों का ऐलान किया। कोरोना के चलते CBSE ने 14 अप्रैल को इस साल होने वाली 10वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी थीं।
अब बोर्ड ने छात्रों के लिए नई अंक निर्धारण नीति घोषित की है। इसी के आधार पर रिजल्ट जारी किया जाएगा। CBSE के नोटिफिकेशन के मुताबिक, नतीजे तैयार करने के लिए हर स्कूल को एक 8 सदस्यीय रिजल्ट कमेटी बनानी होगी। इसमें स्कूल के प्रिंसिपल के अलावा मैथ, सोशल साइंस, साइंस और दो लैंग्वेज टीचर होंगे। कमेटी में 2 टीचर पड़ोस के स्कूल से भी रखने होंगे।
रिजल्ट तैयार करने वाली कमेटी में स्कूल से बाहर के 2 टीचर रखने जरूरी होंगे।
3 साल में सबसे बेहतर सेशन होगा रेफरेंस इयरCBSE के मुताबिक, रिजल्ट के लिए पिछले 3 साल में स्कूल के सबसे बेहतर नतीजे वाले साल को आधार वर्ष (रेफरेंस इयर) माना जाएगा। विषयवार अंक निर्धारित करने का भी यही तरीका होगा। आधार वर्ष में 10वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल सभी छात्रों के औसत अंक के बराबर ही 2020-21 का नतीजा तैयार होगा। हालांकि छात्रों के विषयवार अंक औसत अंकों से 2 अंक कम या ज्यादा हो सकते हैं।
रेफरेंस इयर यानी आधार वर्ष को ऐसे समझेंमिसाल के लिए यदि 2017-18 में स्कूल के सभी छात्रों के अंकों का औसत 72%, 2018-19 में 74% और 2019-20 में 71% था, तो वर्ष 2018-19 को रेफरेंस ईयर माना जाएगा। इसी तरह विषयों के अंक भी आधार वर्ष के आधार पर विषयवार तय होंगे। CBSE स्कूलों को उनके रेफरेंस इयर और विषय वार अंक भेजेगा। विषयों में दिए जाने वाले अंक औसत अंक से 2 अंक कम या ज्यादा तक दिए जा सकते हैं लेकिन पांचों विषयों के अंक रेफरेंस ईयर के औसत अंक से ज्यादा नहीं हो सकते।
इंटरनल असेसमेंट के अंक पहले की तरह10वीं के नतीजों में हर विषय के 100 अंकों में 20% अंक आंतरिक मूल्यांकन और 80% अंक बोर्ड परीक्षाओं के होते हैं। आंतरिक मूल्यांकन के 20 अंक पहले की तरह जुड़ेंगे। बाकी के 80 अंकों के मूल्यांकन के लिए बोर्ड ने फॉर्म्यूला दिया है कि उसमें यूनिट टेस्ट या पीरियोडिक टेस्ट के अंकों को 10%, मिड टर्म या हाफ ईयरली टेस्ट को 30% और प्री-बोर्ड एक्जामिनेसन को 40% वेटेज दिया जाए। यदि किसी स्कूल में इन तीनों श्रेणियों के टेस्ट नहीं लिए गए हैं या उनका प्रामाणिक रिकॉर्ड नहीं है तो रिजल्ट कमेटी इस पर फैसला लेगी।
कमेटी में 10वीं को पढ़ाने वाले शिक्षक ही रहेंगेरिजल्ट कमेटी में वही शिक्षक शामिल होंगे जो 10वीं कक्षा को पढ़ाते हों, एक ही मैनेजमेंट के स्कूलों के शिक्षकों को बाहरी शिक्षक के तौर पर नहीं रखा जा सकेगा। ऐसे स्कूल आपस में शिक्षकों की अदला-बदली नहीं कर सकेंगे। यह भी ध्यान रखना होगा कि शिक्षक किसी छात्र के पैरेंट्स न हों। रिजल्ट कमेटी नतीजे तैयार करने के लिए तय फोर्मेट में रेशनल डॉक्यूमेंट तैयार करेगी।
स्कूलों को टाइम टेबल भेजा गयास्कूलों से मिले अंकों के आधार पर बोर्ड 20 जून को नतीजे जारी करेगा। बोर्ड ने रिजल्ट तैयार करने की प्रक्रिया के अलग-अलग चरणों को पूरा करने का एक टाइम टेबल भी स्कूलों को भेजा है।
5 मई – स्कूलों को रिजल्ट कमेटी का गठन10 मई – रेशनल डॉक्यूमेंट तैयार करना15 मई – यदि स्कूलों कोई असेसमेंट करना चाहे25 मई – रिजल्ट का फाइनलाइजेशन5 जून – रिजल्ट सबमिशन11 जून – इंटरनल असेसमेंट के अंक जमा20 जून – बोर्ड जारी करेगा 10वीं के नतीजे
इस फॉर्मूले से जोड़े जाएंगे 100 अंक
20 अंक – इंटरनल असेसमेंट10 अंक – यूनिट टेस्ट/पीरियोडिक टेस्ट30 अंक – मिडटर्म/ हाफ ईयरली टेस्ट40 अंक – प्री-बोर्ड एक्जामिनेशनखबरें और भी हैं…
[ad_2]