[ad_1]
Hindi NewsNationalThe Central Government Said India Is Not The Capital Of The Intruders Nor Will We Let It Become
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
नई दिल्लीएक घंटा पहले
कॉपी लिंक
डिटेंशन सेंटर में रखे गए 150 रोहिंग्या मुस्लिमों से जुड़े मामले में केंद्र सरकार ने कहा- भारत विश्व में घुसपैठियों की राजधानी नहीं है और न ही इसे बनने देंगे। (फाइल फोटो)
रोहिंग्या को रिहा करने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
सुप्रीम कोर्ट में रोहिंग्या मुस्लिमों से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने दलील दी कि भारत विश्व में घुसपैठियों की राजधानी नहीं है। इसे न ही ऐसा बनने दिया जाएगा। सरकार कानून के अनुसार अपना काम कर रही है।’ मामला जम्मू-कश्मीर के एक डिटेंशन सेंटर में रखे गए 150 रोहिंग्या मुस्लिमों से जुड़ा है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अगले सुनवाई तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
याचिककर्ता मोहम्मद सलीमुल्ला ने वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है। इसमें अदालत मांग की है कि रोहिंग्याओं को डिटेंशन सेंटर से तुरंत रिहा किया जाए। उन्हें वापस म्यांमार भेजने के केंद्र सरकार के फैसले पर रोक लगाई जाए। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान केंद्र सरकार के वकील तुषार मेहता ने दलील दी कि डिंटेशन सेंटर में रखे गए रोहिंग्या शरणार्थी नहीं, बल्कि घुसपैठिए हैं।
इस तरह चली बहससुनवाई में भूषण ने कहा म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के नरसंहार को लेकर पिछले साल 23 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय अदालत ने अपना फैसला दिया। इसमें कहा था कि म्यांमार में सेना ने निर्दोष लोगों की हत्याएं की हैं। इससे करीब 7.44 लाख रोहिंग्या बेघर होकर पड़ोसी देशों में भागने को मजबूर हुए। जवाब में सीजेआई ने कहा कि यह याचिका केवल भारतीय नागरिकों के लिए है। दूसरे देश के नागरिकों के लिए नहीं।
खबरें और भी हैं…
[ad_2]