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बौनेपन से जूझने वाला जिराफ: दुनिया का सबसे छोटा जिराफ, यह दूसरे जिराफ से 50% से भी ज्यादा छोटा; कद ने चलना-फिरना किया मुश्किल

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11 दिन पहले

कॉपी लिंकयुगांडा में मिला 8.5 फीट का जिराफ, यह स्केलेटल डिस्प्लेसिया से जूझ रहा

अमूमन एक जिराफ की लम्बाई 18 फीट होती है, लेकिन अफ्रीका में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। युगांडा में वैज्ञानिकों ने दो ऐसे जिराफ खोजे हैं जो दुनियाभर में सबसे छोटे हैं। पहले न्यूबियन जिराफ की लम्बाई 9.4 फीट है। दूसरे, एंगोलेन जिराफ की लम्बाई 8.5 फीट है। दोनों को जिराफ कंजर्वेशन फाउंडेशन और स्मिथसोनियन कंजर्वेशन बायोलॉजी इंस्टीट्यूट ने मिलकर खोजा है।

इनकी लम्बाई इतनी कम क्यों है, इसे समझने के लिए वैज्ञानिकों ने इनकी जांच की। जांच में सामने आया कि ये जिराफ बौनेपन से जूझ रहे हैं। वैज्ञानिक भाषा में इसे स्केलेटल डिस्प्लेसिया कहते हैं।

बीमारी जिसने लम्बाई बढ़ने से रोकावैज्ञानिकों के मुताबिक, स्केलेटल डिस्प्लेसिया ऐसी बीमारी है, जिसमें हडि्डयों का विकास ठीक से नहीं हो पाता। उम्र बढ़ने के बावजूद ये छोटी रह जाती हैं। यह बीमारी इंसान और जानवर दोनों को हो सकती है। हालांकि, जानवरों में इसके मामले काफी कम पाए जाते हैं। जिराफ में स्केलेटल डिस्प्लेसिया होने का यह पहला मामला है।

न्यूबियन जिराफ के पैरों की लम्बाई इतनी कम है कि गर्दन के साथ तालमेल नहीं बैठ पा रहा। नतीजा, चलने-फिरने में दिक्कत हो रही है।

न्यूबियन जिराफ के पैरों की लम्बाई इतनी कम है कि गर्दन के साथ तालमेल नहीं बैठ पा रहा। नतीजा, चलने-फिरने में दिक्कत हो रही है।

बौनेपन का उम्र पर असर लेकिन चलना-फिरना आसान नहींजिराफ कंजर्वेशन फाउंडेशन के साथ काम करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है, जिराफ मैच्यौर हो चुका है। इसके बौनेपन से इसकी उम्र पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए। न्यूबियन जिराफ छोटे पैरों के कारण बहुत ज्यादा चल-फिर नहीं पाता। यह पहली बार 2015 में युगांडा के मर्चिशन फाल्स नेशनल पार्क में देखा गया था। वहीं, एंगोलेन जिराफ को जुलाई, 2020 में देखा गया था।

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