May 5, 2024 : 1:55 AM
Breaking News
लाइफस्टाइल

चाकू-छूरी चलाने वाली 68 साल की दादी, चाकू से निशाना लगाने के शौक को बनाया खूबी और जीती वर्ल्ड चैम्पियनशिप

  • Hindi News
  • Happylife
  • Galina Chuvina Knife Thrower | Age Is Just A Number! Meet World Knife Throwing Champion Russia Granny

2 घंटे पहले

पेंशन से मिलने वाले 16 हजार रुपए से गेलिना के लिए हर माह घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है।

  • रशिया की रहने वाली गेलिना ने 2007 में चाकू फेंकने की ट्रेनिंग ली
  • डेढ़ महीने की ट्रेनिंग के बाद कॉम्पिटीशन में 50 लोगों को हराकर विनर बनीं

यह हैं 68 साल की गेलिना चूविना। गेलिना रशिया के छोटे से कस्बे सासोवो में रहती हैं और चाकू-छूरी चलाना इनकी हॉबी है। चाकू-छूरी से खेलना और निशाना लगाना इन्हें इतना पसंद है कि आठ बार चैम्पियन रह चुकी हैं। वह नेशनल, यूरोपियन और वर्ल्ड लेवल की चैम्पियनशिप जीत चुकी हैं।

2007 में टैलेंट को तराशा
गेलिना को 2007 में लगा कि वह चाकू से अच्छा निशाना लगा सकती हैं। उस समय वह एक लोकल पूल में काम करती थीं। जॉब के दौरान दो लोग उनके पास से गुजरे और नाइफ थ्रोइंग क्लब खोलने की बात कर रहे थे। गेलिना ने उनसे बात की, और वह पहली ऐसी इंसान थी जिसने उस क्लब में सबसे पहले रजिस्ट्रेशन कराया।

डेढ़ महीने की ट्रेनिंग के बाद उनके गृहनगर में चाकू फेंकने का कॉम्पिटीशन हुआ। इसमें ऐसे 50 लोगों ने हिस्सा लिया जो आर्मी जवान, प्रोफेशनल नाइफ थ्रोवर्स और नए लोग थे। चौंकाने बात यह थी कि गेलिना ने उन सब को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान प्राप्त किया।

लोग गेलिना को 'बाबा गाल्या' बुलाते हैं, यहां बाबा का मतलब है, दादी और गाल्या का अर्थ है ईश्वर की लहर।

लोग गेलिना को ‘बाबा गाल्या’ बुलाते हैं, यहां बाबा का मतलब है, दादी और गाल्या का अर्थ है ईश्वर की लहर।

कुछ लोगों ने जीत को महज इत्तेफाक बताया
गेलिना की जीत ने कई लोगों को चौकाया। वहीं, कुछ लोगों ने इसे महज एक इत्तेफाक बताया। इस पर गेलिना ने कोई जवाब नहीं दिया और 2007 में मॉस्को में हुई नेशनल नाइफ थ्रोइंग चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया। इसमें उन्हें देश का सबसे बेस्ट नाइफ थ्रोअर चुना गया। प्राइज में मीट ग्राइंडर और एयर मैट्रेस दिया गया। इस जीत ने गेलिना को प्रेरित किया और वह आगे बढ़ती गईं।

लोग इन्हें ‘बाबा गाल्या’ बुलाते हैं
अगले साल यानी 2008 में गेलिना ने वर्ल्ड नाइफ थ्रोइंग चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया। यहां 68 साल की गेलिना का मुकाबला 36 साल से दुनिया के सर्वश्रेष्ठ चाकू फेंकने वाले से था। गेलिना ने इस चैम्पियनशिप में अपनी पूरी ताकत झोंक दी और पहला पुरस्कार जीता। लोगों ने उन्हें ‘बाबा गाल्या’ नाम दिया। यहां बाबा का मतलब है, दादी और गाल्या का अर्थ है ईश्वर की लहर।

गेलिना अब कई बच्चों को यह कला सिखा रही हैं।

गेलिना अब कई बच्चों को यह कला सिखा रही हैं।

अब तक 50 मेडल जीत चुकी हैं
2013 में गेलिना ने यूरोपियन नाइफ एंड एक्स थ्रोइंग चैम्पियनशिप जीती। वह अब तक 50 मेडल जीत चुकी हैं। उन्हें कई देशों में नेशनल प्लेयर के तौर पर देखा जाता है। मीडिया में इंटरव्यूज, न्यूज और टेलीविजन शोज के जरिए उन्होंने काफी पॉपुलैरिटी हासिल की है।

गेलिना का गुजारा पेंशन के सहारे हो रहा है। पैसों की कमी के कारण वह दूसरे देशों में चैम्पियनशिप के लिए नहीं जा पातीं। पेंशन में मिलने वाले 16 हजार रुपए से हर माह घर का खर्चा चलाना उनके लिए मुश्किल हो रहा है।

Related posts

गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई को:नारद पुराण में बताया है इस पर्व का महत्व, इस दिन गुरु के पास नहीं जा सकते तो घर पर ही करें पूजा

News Blast

मृतआत्माओं को मिलती है मुक्ति के लिए करीब 975 फीट उंची प्रेतशिला पर किया जाता है पिंडदान, यहां है यमराज का मंदिर

News Blast

कैंसर डिटेक्टर: टॉयलेट सीट में लगा कैमरा बताएगा कैंसर है या नहीं, मल की स्कैनिंग करके मोबाइल पर भेजेगा रिपोर्ट

Admin

टिप्पणी दें