May 16, 2024 : 3:10 PM
Breaking News
लाइफस्टाइल

कोरोना सर्वाइवर में डैमेज हुए फेफड़े और हार्ट 3 महीने में अपने आप रिपेयर हो रहे, ऑस्ट्रिया के शोधकर्ताओं का दावा

  • Hindi News
  • Happylife
  • Coronavirus (COVID 19) Damaged Lungs Can Repair Themselves; Here’s Latest Research News

13 घंटे पहले

  • ऑस्ट्रिया के रिसर्चर्स ने कोरोना से रिकवर हो चुके 86 मरीजों पर रिसर्च की
  • मरीजों का छठे, 12वें और 24वें हफ्ते में चेकअप हुआ, फेफड़ों और हृदय की हालत में बड़ा बदलाव हुआ

कोरोना से रिकवर होने के बाद मरीजों में लंबे समय तक फेफड़े और हार्ट डैमेज रहने का खतरा जताया गया था लेकिन नई रिसर्च इस डर को कम करती है। ऑस्ट्रिया के रिसर्चर्स का कहना है, संक्रमण खत्म होने के 3 माह बाद फेफड़े और हार्ट खुद-ब-खुद रिपेयर होना शुरू कर देते हैं। 29 अप्रैल से 9 जून के बीच कोरोना के 86 मरीजों पर हुई रिसर्च में यह बात सामने आई है। यह रिसर्च यूरोपियन रेस्पिरेट्री सोसायटी इंटरनेशनल कॉन्ग्रेस जर्नल में प्रकाशित हुई है।

4 पॉइंट्स में समझें ऐसे हुई रिसर्च

1. मरीजों को तीन बार चेकअप के लिए बुलाया
रिसर्च कहती है, कोरोना के मरीजों को इलाज के बाद छठे, 12वें और 24वें हफ्ते में दोबारा चेकअप के लिए बुलाया गया। चेकअप के दौरान कई तरह के टेस्ट हुए, फेफड़ों की जांच हुई, ब्लड में ऑक्सीजन और कार्बन डाई ऑक्साइड का स्तर देखा गया।

2. पहले चेकअप में 88% मरीजों के फेफड़े डैमेज मिले
रिसर्च में सामने आया कि जब पहली बार चेकअप के लिए बुलाया गया तो 50 फीसदी से अधिक मरीजों में कोई न कोई एक समस्या जरूर थी। जैसे- सांस लेने में दिक्कत होना, खांसी। सीटी स्कैन से देखने पर 88 फीसदी मरीजों के फेफड़े डैमेज मिले।

3. दूसरे चेकअप में 56 फीसदी तक बदलाव दिखा
डिस्चार्ज होने के बाद 12वें हफ्ते में होने वाले चेकअप में सुधार दिखा। मरीज में फेफड़े 56 फीसदी तक रिपेयर हुए। इनमें 65 फीसदी ऐसे मरीज थे जिन्हें पहले चेकअप के दौरान सांस लेने में दिक्कत और खांसी से जूझ रहे थे। मरीजों के इन लक्षणों में भी सुधार देखा गया। 24वें हफ्ते में हुए चेकअप में काफी हद तक डैमेज रिपेयर हुआ।

4. हार्ट का एक हिस्सा भी डैमेज हुआ था
रिसर्चर डॉ. सबीना शाहनिक कहती हैं, यह बुरी खबर है कि कोरोना से लड़ने के बाद मरीजों में फेफड़े डैमेज हो जाते हैं लेकिन एक अच्छी खबर है कि समय के साथ ये खुद को रिपेयर भी करते हैं। छठे हफ्ते में हुए चेकअप में 58 फीसदी मरीजों के हार्ट का बायां वेंट्रिकल ठीक से काम नहीं कर रहा था। इनमें डैमेज, खून के थक्के और सूजन थी। कुछ समय बाद हुए चेकअप में सामने आया है कि इनमें सकारात्मक बदलाव आ रहा है।

0

Related posts

आषाढ़ महीने की पूर्णिमा:इस पर्व पर तीर्थ स्नान के साथ सूर्य और चंद्र पूजा की भी परंपरा है

News Blast

पहली बार मुंबई में आवाज से होगी कोरोना मरीजों की पहचान, एआई सॉफ्टवेयर से घर बैठे होगा टेस्ट; 30 मिनट में नतीजा

News Blast

एक्ट्रेस ने सुशांत को क्लॉस्ट्रोफोबिया होने और मोडिफिनिल दवा लेने की बात कही थी, डॉक्टर्स ने कहा- मोडाफिनिल तो स्लीपिंग डिसऑर्डर में दी जाती है

News Blast

टिप्पणी दें