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तमिलनाडु में है सिर्फ 2 भुजाओं वाले गणपति, एक ही पत्थर को काटकर बनाई गई है 6 फीट की मूर्ति

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  • Ganesh Temple In South India: Pillayarpatti Karpaga Vinayagar Temple In Tamil Nadu Here Is 6 Feet High Ganesha Idol Its Made By Cutting A Single Stone

7 दिन पहले

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  • मंदिर में मिले शिलालेखों के अनुसार करीब 800 साल से ज्यादा पुराना माना जाता है ये तीर्थ

देशभर में भगवान गणेश के कई प्राचीन और खूबसूरत मंदिर हैं। ऐसा ही एक मंदिर तमिलनाडु के तिरुपथुर तालुक में पिल्लरेपट्टी में स्थित है। यह करपका विनायक मंदिर के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि यहां गणेश भगवान की मूर्ति पर की गई नक्‍काशी चौथी शताब्दी के आसपास की गई थी। मंदिर का ध्यान चेट्टियार समुदाय द्वारा रखा जाता है और यह इस समुदाय के नौ सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है।

  • 1091 और 1238 ई. के बीच बना मंदिर

करपका विनायक मंदिर भगवान गणेश को समर्पित एक प्राचीन और गुफा मंदिर है। इस मंदिर को पिल्लरेपट्टी पिलर मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। यहां एक गुफा है जिसे एक ही पत्थर को काटकर बनाया गया है। ये गुफा भी भगवान गणेश को समर्पित है। गुफा में भगवान शिव और अन्य देवताओं के पत्थर से बनाई गई मूर्तियां हैं। मंदिर की गुफा एक ही पत्थर से काटकर बनाई गई है। मंदिर के गर्भगृह में अंदर पर्याप्त रोशनी के लिए तेल के बड़े-बडे दीपकों का प्रयोग किया जाता है। यहां पाए गए शिलालेखों के अनुसार यह मंदिर 1091 और 1238 ई. के बीच बनाया गया था।

  • पांड्या राजाओं ने करवाया था इसका निर्माण

पांड्या राजाओं द्वारा पिल्लरेपट्टी पहाड़ी पर मंदिर का निर्माण किया गया है। मंदिर में अन्य तीर्थस्थान भगवान शिव, देवी कात्यायनी, नागलिंगम और पसुपथिस्वरार को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि देवी कात्यायनी की प्रार्थना करने से कुंवारी लड़कियों का विवाह जल्दी हो जाता है और भगवान नागलिंगम की पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है। वहीं धन प्राप्ति और सुख- समृद्धि के लिए पसुपथिस्वरार की पूजा की जाती है।

  • सोने से मढ़ी हुई है गणेश प्रतिमा

यहां गणेशजी की 6 फीट लंबी चट्टान की मूर्ति है। आमतौर पर गणेशजी के हर स्वरूप में चार भुजाएं होती हैं किंतु इस मंदिर में स्थापित मूर्ति में गणेशजी की सिर्फ दो ही भुजाएं हैं। मुख्य प्रतिमा सोने से मढ़ी हुई है। यहां गणेशजी की सूंड दाईं ओर है जिसकी वजह से उन्हें वैलपूरी पिल्लईर भी कहा जाता है। यहां पर सभी देवताओं की मूर्तियों का मुख उत्तरी दिशा की ओर है। गणेशजी का उत्तर की ओर मुख करना और दाईं तरफ सूंड का होना काफी शुभ माना जाता है। यह समृद्धि, धन और ज्ञान का कारक होता है।

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