May 15, 2024 : 7:04 PM
Breaking News
MP UP ,CG

जंगलों में प्राचीन गणपति हैं आदिवासी समाज के बाबो गणे

झाबुआ2 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक
  • पुरातत्वेत्ताओं का कहना है कि आदिवासी वर्ग हर शुभ कार्य बाबा गणे के पूजन से शुरू करता है

गणपति पूजन के साथ अपने हर शुभ कार्य काे शुरू करने की परंपरा आदिवासी समाज में भी है। यहां जंगलों में अति प्राचीन गणपति प्रतिमाएं और मंदिर हैं। सदियों से आदिवासी वर्ग अपने इस देवता की पूजा करता आया है। स्थानीय भाषा में आदिवासी अपने इस देव को बाबो गणे कहकर पुकारते हैं। खेत में पहली बार हल चलाने से लेकर मकान बनाने की शुरुआत और विवाह पर बाबो गणे की पूजा सबसे पहले होती है। पुरातत्वेत्ता योगेश पाल का कहना है आलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा के घने जंगलों के सुदूर क्षेत्र में गणपति प्रतिमा सदियों पुरानी है। इसके अलावा झाबुआ जिले में राणापुर के पास अंधारवड़ में भी ऐसी ही प्रतिमा है। सदियों से आदिवासियों ने इनकी रक्षा की और पूजा-अर्चना करते आए हैं। समाज की प्राचीन लोककथाओं एवं रूढ़ी परंपराओं में भी बड़वो (गांव के तांत्रिक) द्वारा गाए जाने वाले गायणों (गीत) में भी श्रीगणेश का उल्लेख आता है। ये प्रतिमाएं अलग-अलग मुद्राओं में हैं।

थांदला में घर-घर में मूर्ति वितरित की
श्रीगणेश जन्मोत्सव महापर्व पर अटल सामाजिक सेवा संस्थान मध्यप्रदेश के प्रधान कार्यालय पर ग्रामवासियों को घर-घर मूर्ति वितरण किया गया। संस्था द्वारा शुद्ध मिट्टी से बनी भगवान गणेश की मूर्तियों का वितरण संस्था प्रमुख राजू धानक ने थांदला शहर व नौगावां, तलावली उमरारादरा से आए ग्रामीणों को किया। इस अवसर पर समाज के पूर्व पार्षद रामचंद्र कटारा, पप्पू मौर्य, तुलसी मेहते आदि मौजूद थे।

0

Related posts

पोस्ट ग्रेजुएशन में दाखिले के लिए छात्रों की लिस्ट आज जारी होगी; यूजी में काउंसिलिंग प्रक्रिया आज से, अब तक 1 लाख 49 हजार छात्र एडमिशन ले चुके

News Blast

प्रधान के पति की धारदार हथियार से हत्या; एसपी ने लापरवाही बरतने के आरोप में दरोगा समेत तीन पुलिसकर्मियों को किया सस्पेंड

News Blast

ओमिक्रॉन संकट के बीच राहत भरी खबर, फरवरी में आ सकती है एमआरएनए वैक्सीन

News Blast

टिप्पणी दें