- पूरे साल के दौरान कंपनी का रेवेन्यू घटकर 1.39 लाख करोड़ से ज्यादा रहा है
- पूरे साल के दौरान कंपनी के शुद्ध लाभ में 73.6 प्रतिशत की गिरावट आई है
दैनिक भास्कर
Jun 29, 2020, 08:56 PM IST
मुंबई. टाटा समूह की स्टील कंपनी टाटा स्टील को मार्च तिमाही में 1,095.7 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है। एक साल पहले कंपनी को इसी अवधि में 2,439.9 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था। कंपनी ने सोमवार को अपना वित्तीय परिणाम जारी किया।
रेवेन्यू 20.4 प्रतिशत घटकर 33,770 करोड़ रुपए रहा
विश्लेषकों के मुताबिक इसका रेवेन्यू उनके अनुमान के मुताबिक रहा है। रेवेन्यू में 20.4 प्रतिशत की कमी आई है। यह 33,770 करोड़ रुपए मार्च तिमाही में रहा है। इस पर हालांकि मार्च महीने में लॉकडाउन का थोड़ा असर दिखा है। कंपनी ने परिणाम में कहा कि कोविड-19 आउटब्रेक ने आर्थिक गतिविधियों में बिखराव पैदा किया और इससे वैश्विक स्तर पर कारोबार प्रभावित हुआ। वैश्विक स्तर पर स्टील की मांग भी कम रही। मार्च तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड स्टील प्रोडक्शन 2.2 प्रतिशत बढ़कर 7.37 मिलियन टन हो गया।
उत्पादन की तुलना में डिलिवरी कम रही
हालांकि डिलिवरी में 13.6 प्रतिशत की गिरावट रही और यह 6.50 मिलियन टन रही। कंपनी ने कहा कि यूरोप में लिक्विड स्टील प्रोडक्शन 10.26 मिलियन टन गिरा है। डिलिवरी में 4 प्रतिशत की गिरावट आई है। भारत का स्टील उत्पादन 5.6 प्रतिशत बढ़कर 4.73 मिलियन टन रहा। लेकिन डिलिवरी 14.6 प्रतिशत गिरकर 4.03 मिलियन टन रही है। मार्च तिमाही में कंपनी का ऑपरेटिंग प्रदर्शन गिरा है। इसका एबिट्डा 38.1 प्रतिशत गिरकर 4,646.9 करोड़ रुपए रहा है।
80 प्रतिशत उपयोग की क्षमता पर हो रहा है काम
कंपनी ने कहा कि भारत में चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन उठाने से आगे चलकर कंपनी की क्षमता में इजाफा होगा। वर्तमान में 80 प्रतिशत उपयोग की क्षमता पर कंपनी काम कर रही है। यूरोप में टाटा स्टील लगातार 70 प्रतिशत उपयोग की क्षमता पर काम कर रही है। कंपनी के मुताबिक स्टील की जिन प्रमुख सेक्टरों में खपत होती है उसमें ऑटोमोटिव, कंस्ट्रक्शन सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित हैं। वित्त वर्ष 2020 में कंपनी का शुद्ध लाभ 73.6 प्रतिशत गिरकर 2,719.58 करोड़ रुपए रहा है। रेवेन्यू पूरे साल के दौरान 11.3 प्रतिशत गिरकर एक लाख 39 हजार 816 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है।
वित्त वर्ष 2020 चुनौती भरा रहा है
भारत के स्टील सेक्टर का उत्पादन 8 प्रतिशत की दर से बढ़कर 18.20 मिलियन टन वित्त वर्ष 2020 में हो गया है। कंपनी के एमडी एवं सीईओ टी.वी. नरेंद्रन ने कहा कि फिस्कल ईयर 2020 एक चैलेंजिंग साल रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था पहली छमाही में ऑटोमोटिव सेक्टर जैसे स्टील की खपत को बढ़ाने वाले फैक्टर्स में कमी आने से धीमी हो गई है। हालांकि अर्थव्यवस्था दूसरी छमाही में ठीक होने लगी थी। मार्च के अंत में कोरोना के प्रकोप के कारण आर्थिक अनिश्चितता बढ़ गई।
उन्होंने कहा कि हालांकि वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में वोल्यूम में तेजी से गिरावट आएगी। हम रिकवरी के शुरुआती संकेत देख रहे हैं।