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आज रात मरीज 1 करोड़ हो जाएंगे, अच्छी बात ये है कि 54% ठीक हो चुके; भारत में भी 5 लाख संक्रमित, 2.95 लाख स्वस्थ हुए

  • कोरोना का पहला मरीज 7 महीने पहले चीन में मिला था, अब यह 6 महाद्वीपों में फैल चुका
  • दुनिया में 4.92 लाख मौतें: 100 कोरोना मरीजों में से 5 की मौत हो रही, भारत में ये दर 3.1
  • दुनिया ने जिंदगी बचाने के लिए सीखे दो जरूरी नियम- मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग

दैनिक भास्कर

Jun 27, 2020, 05:45 AM IST

नई दिल्ली. दुनिया में कोरोना संक्रमितों की संख्या एक करोड़ के करीब पहुंच गई है। शुक्रवार को 1,80,573 नए मरीजों के साथ संक्रमितों की संख्या 98,09,064 हो चुकी थी। यही रफ्तार बनी रही तो शनिवार को संक्रमितों की संख्या एक करोड़ का आंकड़ा पार कर जाएगी। हालांकि, अच्छी बात ये है कि कभी खौफ पैदा करने वाला कोरोना इंसानी इच्छा शक्ति के सामने ठिठक रहा है। संक्रमण लगातार बढ़ने के बावजूद दुनिया में 54% मरीज ठीक हो चुके। मृत्यु दर सिर्फ 5% है। भारत में भी रिकवरी रेट 59% तक पहुंच चुका है। 

चीन ने पिछले साल दिसंबर के अंत में कोरोना संक्रमण का पहला केस मिलने की जानकारी दी थी। उसके बाद यह दुनिया के छह महाद्वीपों के 195 देशों में पैर पसार चुका है। 27 मई के बाद से रोज सवा लाख से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। संक्रमण फैलने की रफ्तार अभी बेकाबू है, लेकिन मौतों की दर ज्यादातर देशों में नियंत्रित है।

रोजाना मौतें घटीं, अस्पताल में भर्ती होने वाले भी कम
दुनिया में कोरोना से रोज 4599 मौतें हो रही हैं, जबकि अप्रैल में यह आंकड़ा छह हजार से ज्यादा था। मार्च में अस्पताल में भर्ती मरीजों की मृत्यु दर 21% थी, जो घटकर 10% रह गई है। हाल ही में अमेरिकी विशेषज्ञों ने दावा किया था कि संक्रमण बढ़ने के बावजूद मौतों की संख्या कम होने लगता है कि वायरस का म्यूटेशन कमजोर हो रहा है। लेकिन डब्ल्यूएचओ ने इसे नहीं माना है।

  • चीन ने अंधेरे में रखा: चीन ने दुनिया को पहला केस पिछले साल दिसंबर के अंत में बताया। जबकि वहां के विशेषज्ञों ने खुलासा किया कि कोरोना के मामले जुलाई-अगस्त में ही सामने आने लगे थे।
  • अमेरिका अब भी बेकाबू: सबसे ज्यादा सवा लाख मौतों वाले अमेरिका में रोज 40 हजार से अधिक नए मरीज मिल रहे हैं।
  • देर से जागा ब्रिटेन: तीन लाख मरीज और 43 हजार मौतों वाले ब्रिटेन ने कोरोना से निपटने के लिए देरी से कदम उठाया। शुरू में सरकार ने हर्ड इम्युनिटी की बात की। लेकिन हालात बेकाबू होने पर लॉकडाउन लगाना पड़ा।
  • यूरोप में फिर मरीज बढ़े: यूरोप में कोरोना केस फिर बढ़ने लगे हैं। इस हफ्ते महीने में पहली बार केस बढ़े हैं। 20 हजार केस रोज बढ़ रहे हैं और 700 मौतें हो रही हैं।
  • ब्राजील में 4 माह में 55 हजार मौतें: ब्राजील में पिछले 4 माह में 55 हजार मौतें हुई हैं। यह अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है।

भारत में जून में ही 3 लाख मरीज बढ़ गए; सिर्फ महाराष्ट्र में हैं 1.5 लाख केस
देश में संक्रमित 5 लाख के पार हो गए। भारत में 30 जनवरी को केरल में पहला मरीज मिला था। हालांकि, भारत में रिकवरी रेट काफी तेजी से बढ़ रहा है। कुल 2,95,186 मरीज ठीक हो चुके हैं।
देश में कोरोना संक्रमण ने जून में रफ्तार पकड़ी है। 1 जून को यहां 1,92,172 मरीज थे। यानी जून के 26 दिनों में 3,07,557 मरीज बढ़ गए। हालांकि, पिछले एक महीने के दौरान रिकवरी रेट भी 16% बढ़ा है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 1,52,765 मरीज हैं।

  • तेलंगाना, आंध्र और हरियाणा में एक महीने के दौरान रिकवरी रेट बढ़ने के बजाय घटा है। तेलंगाना में 23.24, आंध्र में 18.57 और हरियाणा में 0.93 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
  • सबसे संक्रमित 10 राज्यों में मौत की दर गुजरात में सबसे अधिक 5.88% है, तमिलनाडु में सबसे कम।
  • सबसे अधिक आबादी वाले उत्तरप्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में से उप्र में एक हफ्ते में 4% की दर से केस बढ़े हैं। बाकी दोनों जगह 3% रही।
  • प्रति 10 लाख आबादी पर मरीजों के लिहाज से दिल्ली में सबसे ज्यादा मरीज हैं।

कोरोना के खिलाफ जंग तेज
1. अर्थव्यवस्था: भारत समेत 107 देशों में आर्थिक गतिविधियों के लिए 500 लाख करोड़ के पैकेज
कोरोना के कारण दुनियाभर में लंबे समय तक लॉकडाउन रहा। कोरोना से ठीक पहले आईएमएफ ने विश्व जीडीपी 3.3% की दर से बढ़ने का अनुमान जताया था। जो अब -3% रहने की आशंका है। कोरोना के प्रभाव को कम करने और अर्थव्यवस्था फिर पटरी पर लाने के लिए 107 देशों ने 500 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज जारी किए हैं। अमेरिका ने 140 लाख करोड़ तो भारत ने 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज घोषित किए हैं।

2. वैक्सीन: दुनिया में कोरोना की करीब 120 वैक्सीन पर काम शुरू हुआ, 4 पर काम आखिरी चरण में
कोरोना को हराने के लिए दुनिया में करीब 120 वैक्सीन पर काम जारी है। 4 लगभग आखिरी चरण में हैं। एक अमेरिका, दो ब्रिटेन और एक चीन में तैयार हो रही है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ऑस्ट्रेजेनेका कंपनी की वैक्सीन एजेडडी 1222 से काफी उम्मीदें हैं। यूरोप के कई देश इस पर मिलकर काम कर रहे हैं। अब तक दो चरणों में यह सफल साबित हुई है और अब 800 लोगों पर इसका ट्रायल हो रहा है।

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