- एयर इंडिया के पायलट देवेन कनानी की याचिका को खारिज
- सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा
दैनिक भास्कर
Jun 26, 2020, 04:22 PM IST
नई दिल्ली. एयरलाइंस कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट राहत देते हुए बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट के फैसले के अंतर्गत अब एयरलाइन कंपनियों को बीच वाली सीट खाली रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें कहा गया था कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय तैनात किए गए थे।
जस्टिस संजय किशन कौल और भूषण गवई की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने एयर इंडिया के पायलट देवेन कनानी की याचिका को खारिज कर दिया है। देवेन कनानी ने 31 मई को घोषित विमानन नियामक डीजीसीए के फैसले के खिलाफ विशेष अवकाश याचिका दायर की थी, जिसमें एयरलाइंस को उड़ान में मध्य सीटें बेचने की अनुमति दी गई थी।
इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने एयर इंडिया के पायलट देवेन कनानी की तरफ से दायर याचिका में उठाई गई आपत्ति को अस्वीकार करते हुए विमान कंपनियों को राहत दी थी।
पहले सीट खाली करने का नियम था
अभी तक एयरलाइंस को फ्लाइट में बीच वाली सीट खाली रखने का नियम था। सिविल एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों के बाद ये फैसला लिया है। हालांकि इसमें कुछ रियायतें भी हैं।
गाइडलाइन में कहा गया है अगर बीच की सीट खाली रखना बिल्कुल संभव नहीं हो, तो यात्रियों को एक गाउन से अच्छी तरह कवर किया जाएगा। हालांकि, एक परिवार के सदस्यों को साथ बैठने की इजाजत दी जा सकती है। सभी यात्रियों को एयरलाइंस मास्क, फेस शील्ड, सैनिटाइजर जैसी आइटम के साथ सुरक्षा किट मुहैया कराएगा।