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आईसीसी ने कहा- मैच फिक्सिंग रोकने के लिए भारत में इसे अपराध घोषित करना जरूरी, कड़ा कानून न होने से पुलिस के हाथ भी बंधे

  • आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट के कोऑर्डिनेटर स्टीव रिचरर्डसन ने कहा- भारत में कानून बनने से हालात बदल जाएंगे
  • आईसीसी ने हाल ही में कहा था कि हम भ्रष्टाचार से जुड़े 50 मामलों की जांच कर रहे, इसमें से अधिकतर भारत से जुड़े

दैनिक भास्कर

Jun 25, 2020, 01:50 PM IST

इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के एंटी करप्शन यूनिट(एसीयू) के कोऑर्डिनेटर स्टीव रिचर्डसन का मानना है कि भारत में मैच फिक्सिंग को अपराध घोषित करने पर ही इस पर लगाम लगाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि देश में कड़ा कानून नहीं होने की वजह से क्रिकेट में करप्शन की जांच करते वक्त अधिकारियों के हाथ बंधे रहते हैं।   

रिचर्डसन ने ईसपीएन क्रिकइंफो से कहा, ‘‘फिलहाल इसको लेकर कोई कानून नहीं है। इसके बावजूद हम भारतीय पुलिस के साथ मिलकर मैच फिक्सिंग रोकने के लिए काम कर रहे हैं। आईसीसी के पास भी मैच फिक्सिंग रोकने के लिए सीमित संसाधन है, जिसका फायदा फिक्सिंग में शामिल लोग उठाते हैं।’’

इस एसीयू अधिकारी ने कहा, ‘‘भारत में कानून बनने से हालात बदल जाएंगे। अभी हम फिक्सिंग से जुड़े 50 मामलों की जांच कर रहे हैं और इनमें से अधिकतर भारत से जुड़े हुए हैं।’’
श्रीलंका में 10 साल की सजा हो सकती है
दक्षिण एशिया में केवल श्रीलंका ऐसा देश है, जिसने 2019 में मैच फिक्सिंग को कानून अपराध घोषित किया था। यहां दोषी पाए जाने पर 10 साल की सजा हो सकती है। उन्होंने कहा,‘‘भारत में 2021 से 2023 के बीच टी-20 और वनडे वर्ल्ड कप जैसे दो बड़े टूर्नामेंट होने हैं। इस पर सट्टेबाजों की नजर होगी। ऐसे में अगर भारत मैच फिक्सिंग को लेकर कानून बनाता है, तो खेल को सुरक्षित रखने के इरादे से यह असरदार साबित होगा। 

अभी भी फिक्सर खिलाड़ियों से सम्पर्क साधने की कोशिश कर रहे

आईसीसी अधिकारी ने कहा कि भारत में इस तरह का कानून बनने से खिलाड़ियों के बजाए उन भ्रष्ट लोगों को रोका जा सकेगा, जो अभी खुले घूम रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कम से कम आठ लोगों के नाम भारतीय पुलिस या भारत सरकार को सौंप सकता हूं, जो मैच फिक्स करने के लिए खिलाड़ियों से संपर्क करने की लगातार कोशिश करते हैं।’’

सट्टेबाजी से हर साल 40 हजार करोड़ तक की अवैध कमाई होती 

हाल ही में बीसीसीआई की एसीयू यूनिट के प्रमुख अजीत सिंह ने कहा था कि जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में सट्टेबाज खिलाड़ियों, सपोर्ट स्टाफ, ऑफिशियल्स से संपर्क करते हैं। हर साल सट्टेबाजी के जरिए 30 से 40 हजार करोड़ रुपए की कमाई होती है। कई स्टेट क्रिकेट लीग की जांच के दौरान यह पता चला कि कुछ मैचों में यह रकम करीब 19 करोड़ तक थी।

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