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कोरोना मरीजों के लिए 6 यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में गत्ते के 10 हजार बेड बनेंगे, प्रशासन ने मंगाए सैंपल

  • इकोफ्रेंडली होंगे बेड, बाद में इन्हें रिसाइकिल किया जा सकेगा, लागत आ रही सामान्य बेड से बेहद कम
  • फरीदाबाद की तीन कंपनियों ने गत्ते से बेड बनाना तैयार कर दिया है

दैनिक भास्कर

Jun 25, 2020, 04:04 AM IST

फरीदाबाद. (भाेला पांडेय) जिले में तेजी से बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए प्रशासन ने युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दिया है। मरीजों को भर्ती कर इलाज करने के लिए छह आइसोलेशन सेंटर बनाने का काम शुरू हो गया है। संक्रमितों के लिए गत्ते के करीब दस हजार बेड तैयार करने की योजना है।

प्रशासन ने इसके सैंपल मंगाकर कंपनियों को ऑर्डर भी दे दिए हैं। प्रशासन इन बेडों को जरूरत के हिसाब से खरीदेगा। माना जा रहा है गत्ते के बने बेड इकोफ्रेंडली होंगे। यानि इन्हें रिसाइकिल किया जा सकता है। अन्य बेड की अपेक्षा इनकी लागत बेहद कम आ रही है।

जानकारों का मानना है गत्ते के बेड पर कोरोना वायरस की लाइफ महज दो से ढाई घंटे तक ही होती है। इसलिए इन बेडों से संक्रमण फैलने का खतरा भी बहुत कम रहेगा। जबकि लोहे अथवा लकड़ी के बेड पर इसकी लाइफ अधिक होती है और लागत भी। 
प्रशासन ने आठ अधिकारियों को इंसीडेंट कमांडर बनाकर उन्हें जिम्मेदारी सौंपी

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन ने आठ अधिकारियों को इंसीडेंट कमांडर बनाकर उन्हें जिम्मेदारी सौंपी है। फरीदाबाद अर्बन क्षेत्र की जिम्मेदारी एसडीएम फरीदाबाद अमित कुमार को दी गई है। इसी तरह बल्लभगढ़ अर्बन क्षेत्र की जिम्मेदारी एसडीएम बल्लभगढ़ त्रिलोकचंद, बड़खल अर्बन एसडीएम बड़खल पंकज सेतिया, एनआईटी अर्बन एचएसवीपी के स्टेट आफिसर परमजीत चहल और तिगांव अर्बन के इंसीडेंट कमांडर नगर निगम ओल्ड जोन के ज्वाइंट कमिश्नर वीरेंद्र चौधरी को बनाया गया है।

इसी तरह फरीदाबाद रूलर के लिए बीडीपीओ फरीदाबाद नवनीत कौर, बल्लभगढ़ रूलर के लिए बीडीपीओ प्रदीप कुमार, तिगांव रूलर के लिए बीडीपीओ तिगांव पूजा शर्मा इंसीडेंट कमांडर बनाई गई हैं। इन अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र के मरीजांे के लिए जगह चिह्नित कर ली है।

इन जगह आइसोलेशन सेंटर बनाने की योजना

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार पूरे शहर के चारों ओर छह स्थान आइसोलेशन सेंटर के लिए चिन्हित किए गए हैं। इनमें नहरपार स्थित सुधा रस्तोगी डेंटल कॉलेज, भूपानी स्थित लिंग्याज यूनिवर्सिटी, सूरजकुंड रोड स्थित मानव रचना यूनिवर्सिटी, सोहना रोड धौज स्थित अलफलाह यूनिवर्सिटी, सोहना रोड स्थित गांव आलमपुर और दिल्ली मथुरा रोड स्थित वाईएमसीए यूनिवर्सिटी को चिह्नित किया गया है। कहा जा रहा है यदि मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ तो इन संस्थानों में आइसोलेशन सेंटर तैयार कर इलाज किया जाएगा।

मरीजों के लिए गत्ते से तैयार किए जा रहे बेड

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार फरीदाबाद की तीन कंपनियों ने गत्ते से बेड बनाना तैयार कर दिया है। इन बेडों पर एक मरीज को आसानी से रखा जा सकता है। बस उस पर चादर बदलने की जरूरत पड़ेगी। कोरोना संकट खत्म होने के बाद उसे स्क्रैप में भी बेचा जा सकेगा। गत्तों को रिसाइकिल कर दोबारा प्रयोग में लाया जा सकेगा। कंपनियों ने जिला प्रशासन को अपने सैंपल उपलब्ध कराए थे। प्रशासन ने उन सैंपलों को पास कर दिया है। 

800 रुपए में तैयार होगा एक बेड

एडीसी सतवीर सिंह मान के अनुसार गत्ते के जिन बेड को चयनित किया गया है उनकी लागत करीब 750 से 800 रुपए तक आ रही है। अन्य बेडों की अपेक्षा इसकी लागत बेहद कम है।

^पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग और उच्चाधिकािरयों के साथ हुई बैठक में यह बात सामने आई कि आने वाले समय में जिले में करीब 10 हजार बेड की जरूरत पड़ेगी। प्रशासन ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। सभी इंसीडेंटर कमांडरों की ड्यूटी लगाई गई है। प्रशासन पूरी तरह से हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
-यशपाल यादव, डीसी फरीदाबाद

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