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न जांच की रिपोर्ट मिल रही, न होम क्वारेंटीन वालों का हो रहा कोई टेस्ट, लोग हुए परेशान

  • जिला प्रशासन के कंट्रोल रूम में आ रही हैं शिकायतें, नहीं हो रहा समस्या का समाधान
  • विभाग ने शहरवासियों को छोड़ दिया उनके हाल पर, अफसर फोन नहीं उठा रहें
  • भास्कर पड़ताल: कोरोना के कसते शिकंजे के आगे ढीला होता जा रहा हेल्थ विभाग

दैनिक भास्कर

Jun 22, 2020, 07:35 AM IST

फरीदाबाद. (भोला पांडेय) शहर में जैसे जैसे कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भी उसी गति से बढ़ती जा रही है। किसी को कोरोना का टेस्ट कराने के बाद रिपोर्ट नहीं मिल रही तो होम क्वारेंटीन में रहने वाले लोगों का दोबारा टेस्ट नहीं कराया जा रहा। परेशान लोग प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग के कंट्रोल रूम में फोन कर मदद की गुहार लगा रहे लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।

हैरानी की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी फोन उठाने तक तैयार नहीं। संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने अब लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। ऐसे में लोग कोरोना के संक्रमण से कैसे बच पाएंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। दैनिक भास्कर ने ऐसे कई पीडि़तों से संपर्क कर उनकी समस्या जानने का प्रयास किया।

केस-1: टेस्ट कराया लेकिन रिपोर्ट नहीं मिल रही
सेक्टर-46 लेजर वैली निवासी रविकांत ने 13 जून को बीके अस्पताल में अपना और पत्नी पुष्पा का कोरोना टेस्ट कराया था। उन्हें दो-चार दिन में रिपोर्ट आने को बताया गया था। उनके पास टेस्ट का मैसेज भी है। लेकिन आठ दिन बाद भी उनकी रिपोर्ट नहीं मिली। वह रिपोर्ट के लिए रोज 10 बार फोन करते हैं। कभी स्वास्थ्य विभाग की हेल्पलाइन नंबर पर तो कभी कंट्रोल रूम नंबर पर। लेकिन रिपोर्ट नहीं मिली। कई बार तो फोन उठाने वाले कर्मचारी टाइम न होने का बहाना बनाकर फोन काट देते हैं।

केस-2: होम क्वारेंटीन में संक्रमित परिवार, दोबारा टेस्ट नहीं
बल्लभगढ़ की सुभाष कॉलोनी निवासी एक परिवार संक्रमित पाया गया। परिवार की एक महिला ने 15 दिन पहले बेटे को जन्म दिया। जांच में पति, पत्नी और बेटा तीनों संक्रमित पाए गए। इसके बाद उन्हें होम क्वारेंटीन कर दिया गया। लेकिन 10 बाद दोबारा उनका टेस्ट नहीं कराया गया। उक्त परिवार ने 3 दिन पहले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को फोन कर दोबारा टेस्ट कराने की गुजारिश की थी,लेकिन डॉक्टर उनका टेस्ट कराने के लिए तैयार नहीं हैं। यही नहीं 3 में से केवल 1 की ही दवा भिजवाकर बाकी 2 दवा बाहर से मंगाने के लिए कह दिया गया।

केस-3: मां संक्रमित, सभी होम क्वारेंटीन, टेस्ट किसी का नहीं
रोशन नगर अगवानपुर निवासी अजय श्रीवास्तव के अनुसार उनके पड़ोस में रहने वाली एक महिला कोरोना संक्रमित पाई गई। उसे 17 जून को अस्पताल में भर्ती किया गया। उनके 6 बच्चों को घर में ही होम क्वारेंटीन कर दिया गया। लेकिन किसी का टेस्ट अभी तक नहीं कराया गया। यहीं नहीं लापरवाही का आलम यह है कि अभी तक उस गली को सील तक नहीं किया गया। घर में दो से 14 साल तक के बच्चे हैं। पड़ोसी किसी तरह बच्चों के लिए खाने और दूध की व्यवस्था कर रहे हैं। 

कंट्रोल रूम में रोज 75 से 80 कॉल आ रही कोरोना से संबंधित

लॉकडाउन के दौरान जिला प्रशासन ने सेक्टर-12 में कंट्रोल रूम बनाया है। इसका नंबर 0129-2221000 है। इन दिनों इस नंबर पर रोज 75 से 80 कॉल आ रहीं। लोग कोरोना से संबंधित समस्याओं के बारे में कर्मचारी को बताते हैं। 20% लोगों की शिकायत है कि उन्होंने कोविड-19 का टेस्ट कराया है। लेकिन रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है।

ये हैं जिम्मेदार अधिकारी
डॉ. कृष्ण कुमार सीएमओ बीके अस्पताल: मो.नंबर: 98 68 606730
 डॉ. रामभगत नोडल अधिकारी कोविड-19: मो. नंबर:9818 197232

  • स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए हर स्तर पर प्रयास कर रहा है। फिर भी यदि कहीं थोड़ी बहुत कमी रह गई है तो उसे ठीक कराया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर समस्या का हल कराया जाएगा। -यशपाल यादव, डीसी फरीदाबाद

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