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अपने संस्कारों में बदलाव लाने से भी बहुतों की सेवा हो जाती है; ध्यान भी एक सेवा है, जो हम पूरी दुनिया के लिए कर सकते हैं

दैनिक भास्कर

Jun 22, 2020, 06:03 AM IST

ध्यान यानी मेडिटेशन में हम परमात्मा से संबंध जोड़ते हैं, मन में पॉजीटिव विचारों की तरंगें उत्पन्न करते हैं। हमारी ये तरंगें सारी सृष्टि में फैल जाती हैं तो मेडिटेशन से विश्व की सेवा हो जाती है। प्रार्थना, मेडिटेशन जब हम सामूहिक रूप से करते हैं तो इसकी बहुत सारी एनर्जी उत्पन्न होती है। जो सारी धरती में फैल जाती है, तो मेडिटेशन करना एक बहुत ही महत्वपूर्ण सेवा है।

हमने अलग-अलग प्रकार की सेवा देखी हैं, जिसमें एक है तन से सेवा। जो इस समय हम कर रहे हैं। जैसे घर के, बाहर के काम और जो हॉस्पिटल मेंं, रोड पर सभी कर रहे हैं। दूसरी है धन से सेवा। वो भी हरेक यथाशक्ति अपने धन से कर ही रहा है। तीसरी है वाणी से सेवा। जैसे हमने देखा सोशल मीडिया पर जिसके अंदर जो विशेषताएं हैं, कलाएं हैं उससे लोगों की सेवा कर रहे हैं। चौथी है- मन से सेवा। जिसे हम मेडिटेशन और प्रार्थना से करते हैं।

मन से सेवा का मतलब है हमारी हर सोच में एक दुआ, एक आशीर्वाद होना चाहिए। जब हमारे जीवन में कोई संकट आता है, हम ध्यान-प्रार्थना करते ही हैं। लेकिन इस समय संकट पूरी सृष्टि के सामने है और उसका प्रभाव सबके ऊपर है। इसलिए इस समय छोटी-सी सेवा जो हम सभी कर सकते हैं कि पूरे दिन में हमारी मन की स्थिति वैसी ही रहे जैसी मेडिटेशन और प्रार्थना के दौरान होती है।

हर सोच में दुआ का मतलब जब हम ध्यान और प्रार्थना करते हैं तो उस समय हमारे विचार कैसे होते हैं। मान लीजिए आपका किसी से झगड़ा हुआ हो तो भी प्रार्थना और ध्यान में हम क्या सोचते हैं। यह भी ईश्वर की संतान है, सब बढ़िया हो जाएगा, मैं उन्हें क्षमा करता हूं।

परमात्मा कहते हैं, इस समय दु:ख बहुत बढ़ रहा है, लोग बिल्कुल हिम्मतहीन हो गए हैं। तो जैसे वैज्ञानिक अपनी जगह पर रहते हुए भी जहां अपना यंत्र भेजना चाहें, वहां भेज सकते हैं। ऐसे ही आप मनसा शक्ति द्वारा सेवा करें, मनसा सेवा को बढ़ाएं।

सारे विश्व की आत्माओं को दु:ख से छुड़ाने के लिए अपने मन को शक्तिशाली बनाओ और मनसा सेवा द्वारा शुद्घ और पवित्र विचारों की तरंगों को चारों ओर फैलाओ, तब विश्व कल्याण होगा। जब हम शारीरिक रूप से सेवा करते हैं, तन से, धन से, वाणी से तो उसकी एक सीमा होती है। लेकिन एक ही चीज है जो असीमित सेवा है। वह है मनसा सेवा। हम यहां से बैठकर दूसरे देश की सेवा कर सकते हैं।

आज हम भारत में बैठकर जब कोई न्यूज सुनते हैं कि दूसरे देश में कुछ हो रहा है। जैसे ही हमें कुछ पता चले कि दूसरे देश में इतना कुछ हो रहा है तो आप तुरंत शांति से बैठ जाइए और स्वयं को परमात्मा से जोड़िए। फिर उस देश को और उसके देशवासियों को अपने सामने देखिए कि परमात्मा की शक्ति और प्यार उस देश की हर आत्मा को मिल रहा है।

हर डॉक्टर को मिल रहा है। हरेक सुरक्षित है, ऐसी दुआ दीजिए। ये दुआ देकर मनसा सेवा द्वारा हम एक देश में बैठकर दूसरे देश की भी सेवा कर सकते हैं। हमारे मन के संकल्पों में इतनी शक्ति है। और इसकी कोई सीमा नहीं होती है। यह पूरी तरह असीमित सेवा है। 

मनसा सेवा हम 24 घंटे कर सकते हैं। यहां तक कि परमात्मा कहते हैं- जिनकी मन की स्थिति अच्छी है, वो रात को जब सोते भी हैं, तो उनकी नींद में भी उनके वायब्रेशन सारी सृष्टि की सेवा करते हैं। हमारी वायब्रेशन सारी सृष्टि की सेवा कर सकती है।

यह सबसे शक्तिशाली और असीमित सेवा है और इसे हर व्यक्ति कर सकता है। यह सेवा इस सृष्टि के ऊपर हीलिंग एनर्जी लेकर आएगी और इस समय ये सेवा करना हम सबकी जिम्मेदारी है। तो तन से, धन से और वाणी से सेवा करें और स्वयं की सेवा करके सबकी सेवा करें। क्योंकि अपने संस्कारों में बदलाव लाने से भी बहुतों की सेवा हो जाती है।

फिर मन से सेवा करें। सिर्फ इतना ध्यान रखें कि सुबह से लेकर रात तक हमारी हर सोच, हमारा हर शब्द, प्रार्थना और ध्यान की शब्दावली का होना चाहिए। हाई एनर्जी के वायब्रेशन्स द्वारा इस सृष्टि पर हम सबको सेवा की शक्ति से पुन: सुकून, सेहत और समृद्घि लानी है। जब हमारी आंतरिक शक्ति, परमात्मा की शक्ति से जुड़कर सेवा करती है, तो ये निश्चित है कि सेवा की शक्ति चमत्कार जरूर करेगी। एक बहुत सुंदर, शक्तिशाली दुनिया हम सबको मिलकर बनानी है।

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