- एक वर्ष में चार बार ऋतुओं के संधिकाल में आते हैं नवरात्र, गुप्त नवरात्र में होती है दस महाविद्याओं की आराधना
दैनिक भास्कर
Jun 21, 2020, 06:01 PM IST
आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्र 22 से 29 जून तक रहेंगे। एक वर्ष में चार नवरात्र आते हैं। चैत्र और आश्विन मास के नवरात्र सामान्य रहते हैं, जबिक माघ और आषाढ़ मास के नवरात्र गुप्त रहते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार इन दिनों दस महाविद्याओं की आराधना की जाती है। ये दस महाविद्याएं हैं- काली, तारा देवी, त्रिपुर-सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुरी भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मातंगी व कमला देवी।
गुप्त नवरात्र में विशेष रूप से तंत्र-मंत्र से संबंधित उपासना की जाती है। महाविद्याओं की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ ही की जानी चाहिए, अन्यथा पूजा निष्फल हो सकती है या पूजा का विपरीत असर भी हो सकता है। इसीलिए किसी योग्य ब्राह्मण के मार्गदर्शन में गुप्त नवरात्र की पूजा करनी चाहिए।
गुप्त नवरात्र में किन बातों का ध्यान रखें
जो भक्त गुप्त नवरात्र में देवी मां की पूजा करते हैं, उन्हें ब्रह्मचर्य का पालन विशेष रूप से करना चाहिए। घर में साफ-सफाई का ध्यान रखें। तामसिक भोजन न करें, फलाहार करें। अधार्मिक विचारों और कामों से बचें। घर में क्लेश न करें।
ऋतुओं के संधिकाल में आते हैं नवरात्र
चार नवरात्र ऋतुओं के संधिकाल में आते हैं। संधिकाल यानी एक ऋतु के जाने के और दूसरी ऋतु के आने समय। ऐसे समय में मौसमी बीमारियों का असर बढ़ जाता है। इस समय में खान-पान से संबंधित सावधानी रखनी चाहिए। नवरात्र में व्रत-उपवास करने से खान-पान के संबंध में होने वाली लापरवाही से बचा जा सकता है। इन दिनों में ऐसे खाने से बचना चाहिए, जो आसानी से पचता नहीं है। अधिक से अधिक फलाहार करना चाहिए।