- अपूर्वी ने लॉकडाउन के दौरान फोटोग्राफी भी सीखी
- वर्ल्ड चैम्पियन शूटर अपूर्वी ओलिंपिक कोटा दिला चुकी हैं
संजीव गर्ग
Jun 20, 2020, 07:04 AM IST
जयपुर. 10 मीटर एयर राइफल की वर्ल्ड चैंपियन शूटर अपूर्वी चंदेला का मानना है कि टूर्नामेंट होना बहुत-बहुत जरूरी है। इससे खिलाड़ियों को मोटिवेशन मिलता है। दुनिया की नंबर-1 राइफल शूटर रह चुकीं अपूर्वी टोक्यो ओलिंपिक के लिए कोटा दिला चुकी हैं। कोविड-19, लॉकडाउन और टोक्यो ओलिंपिक को लेकर उनसे बातचीत के अंश…
सवालः लॉकडाउन के दौरान आपने घर में ही प्रैक्टिस की, मैच प्रैक्टिस नहीं होने से कितना फर्क पड़ता है?
जवाबः काफी शूटर अपने शहर की शूटिंग रेंज में प्रैक्टिस के लिए जाने लगे हैं। यह अच्छी बात है। जहां तक प्रैक्टिस न कर पाने की बात है तो मैच, टूर्नामेंट, कॉम्पिटीशन बहुत-बहुत जरूरी है। यहां तक कि फ्रेंडली मैच भी काफी महत्वपूर्ण होते हैं। खिलाड़ी उन्हीं के अनुसार तैयारी करते हैं। इससे उनका मोटिवेशन भी बढ़ता है।
सवालः ओलिंपिक के आयोजन पर संशय की स्थिति है। कितना मुश्किल समय है?
जवाबः यह समय खिलाड़ी के लिए कठिन है। ऐसे में सकारात्मक रहना बहुत जरूरी है। हमें परिस्थितियां सामान्य होने तक इंतजार करना होगा। हालांकि, यह भी जरूरी है कि खिलाड़ी प्रैक्टिस जारी रखें और फिटनेस पर ध्यान दें।
सवालः स्टेडियम खुल चुके हैं। लेकिन खिलाड़ी नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसा क्यों?
जवाबः खिलाड़ी स्टेडियम इसलिए नहीं पहुंच पा रहे हैं क्योंकि ज्यादातर अपने-अपने घर चले गए हैं। कई राज्य और जिले रेड जोन में हैं। अभी आने-जाने की सुविधाएं भी ज्यादा नहीं हैं। उम्मीद है कि जल्द ही सबकुछ सामान्य हो जाएगा।
सवालः लॉकडाउन में आपने क्या किया?
जवाबः परिवार और पेट्स के साथ समय बिताया। मेरा दिन सुबह 5.30 बजे से शुरू होता था। घर की साफ-सफाई करती। एक तरह से ये भी मेरी एक्ससाइज का हिस्सा बन गई थी। मैंने फोटोग्राफी सीखना भी शुरू किया। इसमें गगन भैया (गगन नारंग) और अंकल ने मदद की। मुझे नेचर और वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी पसंद है। मैंने रोजाना शूटिंग प्रैक्टिस भी जारी रखी।
सवालः कोविड-19 के समय मेंटल और फिजिकल ट्रेनर की कितनी जरूरत होती है?
जवाबः मेंटल और फिजिकल ट्रेनिंग तो खिलाड़ियों के लिए बहुत अहम है। इससे पॉजिटिव फ्रेम ऑफ माइंड में रहते हैं। वर्कआउट के साथ-साथ मन को शांत रखने के लिए मेंटल ट्रेनिंग, योग और मेडिटेशन बहुत ही जरूरी है। जिस तरह रोज पूजा-पाठ करते हैं, उसी तरह से ये चीजें जीवन का हिस्सा होनी चाहिए।