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मोदी समेत 20 दलों के नेताओं ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी, बैठक में सोनिया, ममता और मायावती शामिल

  • 6 साल में ये तीसरी ऑल पार्टी मीटिंग, 20 दलों के नेता शामिल; आरजेडी-आप को नहीं बुलाया गया
  • 15 जून को गलवान घाटी में चीन के हमले में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे, इसी मुद्दे पर बैठक जारी

दैनिक भास्कर

Jun 19, 2020, 06:28 PM IST

नई दिल्ली. चीन के साथ तनाव और गलवान में 20 भारतीय जवानों की शहादत के मुद्दे पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में ऑल पार्टी मीटिंग शुरू हो चुकी है। इस मीटिंग में 20 पार्टियों के नेता शामिल हैं। बैठक की शुरुआत में सबसे पहले शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। 
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, बसपा अध्यक्ष मायावती, तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी मौजूद हैं। इस बैठक में आरजेडी और आम आदमी पार्टी को न्योता नहीं दिया गया है।

चार क्राइटेरिया के आधार पर पार्टियों को इनविटेशन
न्यूज एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक, 4 क्राइटेरिया के आधार पर ऑल पार्टी मीटिंग के लिए इनविटेशन दिए गए हैं। पहला- सभी नेशनल पार्टी। दूसरा- जिन पार्टियों के लोकसभा में 5 सांसद हैं। तीसरा- नॉर्थ-ईस्ट की प्रमुख पार्टियां। चौथा- जिन पार्टियों के नेता केंद्रीय कैबिनेट में शामिल हैं। इसके आधार पर 20 पार्टी आज की मीटिंग में शामिल हुई हैं।

आरजेडी ने पूछा था क्या क्राइटेरिया है?

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर पूछा है कि आरजेडी के 5 सांसद होने के बावजूद उनकी पार्टी को सर्वदलीय बैठक में क्यों नहीं बुलाया? आखिर क्राइटेरिया क्या है?

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह ने कहा- केन्द्र में एक अजीब अहंकार ग्रस्त सरकार चल रही है। किसी अहम विषय पर भाजपा को आप की राय नहीं चाहिए।

पिछली 2 ऑल पार्टी मीटिंग में राजनाथ सिंह ने अध्यक्षता की थी
देश की सीमाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर 6 साल में यह तीसरी ऑल पार्टी मीटिंग होगी। पिछले साल पुलवामा में आतंकी हमले के बाद 16 फरवरी 2019 को सभी पार्टियों की मीटिंग हुई थी। इससे पहले पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद 29 सितंबर 2016 को हुई थी। इन दोनों मीटिंग की अध्यक्षता उस वक्त के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने की थी। लेकिन चीन के मुद्दे पर हो रही मीटिंग की अध्यक्षता खुद मोदी करेंगे।

मोदी ने कहा- शांति चाहते हैं, लेकिन जवाब देने में सक्षम
सोमवार यानी 15 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के हमले में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। चीन के भी 40 सैनिक मारे गए, हालांकि उसने यह कबूला नहीं है। इस झड़प के दो दिन बाद यानी 17 जून को मोदी ने कहा था “हम शांति चाहते हैं, लेकिन कोई उकसाएगा तो जवाब देने में भी सक्षम हैं। हमें अपने शहीदों पर गर्व है कि वे मारते-मारते मरे। सीमाओं की रक्षा करने से हमें कोई नहीं रोक सकता, इस बारे में किसी को जरा भी शंका नहीं होनी चाहिए।”

ऑल पार्टी मीटिंग से पहले कांग्रेस-भाजपा के बीच बयानबाजी
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को सवाल किया था कि हमारे जवानों को बिना हथियार शहीद होने के लिए क्यों भेजा गया, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने जवाब दिया, “राहुल गांधी देश को भटकाने की राजनीति बंद करें। प्रधानमंत्री ने ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई है, फिर भी राहुल को सब्र नहीं। उन्हें कांग्रेस के जमाने में चीन के साथ किए गए समझौते को समझना चाहिए। अगर उन्हें पता नहीं है तो घर में बैठकर कुछ किताबें पढ़ लें।

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