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निफ्टी 500 कंपनियों में एफआईआई की होल्डिंग घटकर 5 साल के निचले स्तर पर आई

  • मार्च 2020 तिमाही में निफ्टी 500 कंपनियों में एफआईआई की होल्डिंग घटकर 21 फीसदी रह गई
  • एफआईआई ने तीन महीने में 1.40 फीसदी अंक और एक साल में 0.80 फीसदी अंक घटाई होल्डिंग

दैनिक भास्कर

May 28, 2020, 09:43 PM IST

नई दिल्ली. कारोबारी साल 2019-20 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में निफ्टी 500 में शामिल कंपनियों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की होल्डिंग घटकर 21 फीसदी पर आ गई, जो पांच साल का निचला स्तर है। इस इंडेक्स की एफआईआई होल्डिंग में दिसंबर तिमाही के मुकाबले 1.40 फीसदी अंक और एक साल पहले की समान तिमाही के मुकाबले 0.80 फीसदी अंक की गिरावट आई है। यह बात ब्रोकरेज कंपनी मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की एक ताजा रिपोटर्ट में कही गई है। रिपोर्ट के निफ्टी-500 में एफआईआई होल्डिंग मार्च 2015 में 23.9 फीसदी, मार्च 2016 में 22 फीसदी, मार्च 2017 में 21.9 फीसदी, मार्च 2018 में 21.3 फीसदी, मार्च 2019 में 21.8 फीसदी और दिसंबर 2019 में 22.4 फीसदी थी।

मार्च में एफआईआई ने भारतीय बाजार से कुल 1,18,203 करोड़ रुपए निकाल लिए

पिछले कारोबारी साल की चौथी तिमाही में विदेशी निवेशकों ने बड़े पैमाने पर भारतीय बाजार से पूंजी निकाली है। एनडीएसएल के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय बाजार में जनवरी में 957 करोड़ रुपए और फरवरी में 8,970 करोड़ रुपए का निवेश किया था। लेकिन मार्च में उन्होंने 1,18,203 करोड़ रुपए भारतीय बाजार से निकाल लिए।

घरेलू संस्थागत निवेशकों की होल्डिंग में हुई बढ़ोतरी

मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में मोतीलाल ओसवाल के हवाले से कहा गया कि एफआईआई ने तिमाही-दर-तिमाही आधार पर निफ्टी 500 की 67 फीसदी कंपनियों में और निफ्टी-50 की 90 फीसदी कंपनियों में अपनी होल्डिंग घटा दी। इस दौरान घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की होल्डिंग में उल्टा रुझान देखने को मिला। जनवरी-मार्च तिमाही में निफ्टी 500 कंपनियों में डीआईआई की होल्डिंग बढ़कर 14.8 फीसदी पर पहुंच गई। इसमें तिमाही-दर-तिमाही आधार पर 0.20 फीसदी अंकों और साल-दर-साल आधार पर 0.90 फीसदी अंकों की बढ़ोतरी हुई।

शेयरों में गिरावट के बीच प्रमोटरों ने बढ़ाई हिस्सेदारी

इस बीच प्रमोटरों ने शेयरों में गिरावट का लाभ उठाया और कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा ली। मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि निफ्टी 500 कंपनियों में प्रमोटर की हिस्सेदारी चौथी तिमाही में बढ़कर 50.5 फीसदी पर पहुंच गई। यह दिसंबर तिमाही के मुकाबले 1.30 फीसदी अंक और एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 1.50 फीसदी अंक ज्यादा है।

निजी बैंकों में एफआईआई की सबसे ज्यादा होल्डिंग

निफ्टी-500 में एफआईआई की सबसे ज्यादा होल्डिंग निजी बैंक (44.6 फीसदी), एनबीएफसी (35.6 फीसदी), टेलीकॉम (21.7 फीसदी), ऑयल एंड गैस (21.3 फीसदी) और रियल एस्टेट (20.4 फीसदी) सेक्टर की कंपनियों में है। इस इंडेक्स में डीआईआई की सबसे ज्यादा होल्डिंग कैपिटल गुड्स (23.9 फीसदी), धातु (21.2 फीसदी), निजी बैंक (20.3 फीसदी), युटिलिटीज (19.5 फीसदी) और पीएसयू (17.8 फीसदी) सेक्टर की कंपनियों में है।

टेलीकॉम सेक्टर में एफआईआई ने सबसे ज्यादा बढ़ाई हिस्स्सेदारी

दिसंबर तिमाही में मुकाबले एफआईआई ने अपनी हिस्सेदारी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी टेलीकॉम (1.90 फीसदी अंक), एनबीएफसी (1.10 फीसदी अंक), बीमा (0.5 फीसदी अंक), रिटेल (0.3 फीसदी अंक), युटिलिटी (0.2 फीसदी अंक) और ऑयल एंड गैस (0.1 फीसदी अंक) सेक्टर में की। दूसरी ओर एफआईआई ने अपनी हिस्सेदारी में सबसे ज्यादा कटौती धातु (2 फीसदी अंक), ऑटो (1.5 फीसदी अंक), कैपिटल गुड्स (1.4 फीसदी अंक), निजी बैंक (1.2 फीसदी अंक), स्वास्थ्य सेवा (1.1 फीसदी अंक) और सीमेंट (1.1 फीसदी अंक) सेक्टरों में की।

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