दैनिक भास्कर
May 29, 2020, 02:31 PM IST
मुंबई. करीना कपूर खान ने गुरुवार को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर प्रसिद्ध ‘टाइम मैगजीन’ का एक पुराना कवर पेज शेयर करते हुए, अमेरिका में पुलिस के हाथों मारे गए एक अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉइड के लिए न्याय की मांग की। अपनी पोस्ट में उन्होंने हैशटैग लगाते हुए #जस्टिसफोरजॉर्जफ्लॉइड लिखा। इस मौत के बाद अमेरिका में एकबार फिर रंगभेद का मुद्दा गर्मा गया है।
करीना ने टाइम मैगजीन का जो फोटो शेयर किया, उसमें एक अश्वेत नागरिक के पीछे ढेरों पुलिसकर्मी दिखाई दे रहे हैं। उसमें अमेरिका 1968, 2015 के अलावा ‘क्या बदल गया’ और ‘क्या नहीं बदला’ लिखा नजर आ रहा है। मैगजीन के ओरिजिनल एडिशन में 1968 को काटकर 2015 लिखा गया था। लेकिन जॉर्ज की मौत का विरोध करने के लिए 2015 को भी काटकर 2020 लिख दिया गया।
कौन था जॉर्ज फ्लाइड?
जॉर्ज फ्लॉइड 46 साल का एक अफ्रीकी-अमेरिकी अश्वेत नागरिक था, जिसकी मौत 25 मई सोमवार को अमेरिका के मिनियापोलिस शहर में हुई थी। निहत्था फ्लाइड उस वक्त मारा गया, जब एक पुलिसकर्मी ने उसके हाथ पीछे कर उसे हथकड़ी लगा दी और उसे जमीन पर पटककर उसकी गर्दन को अपने घुटनों से दबा दिया था। जिसके बाद वो सांस नहीं ले पाया।
वो कह रहा था मेरा दम घुट रहा है
इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें पीड़ित कहता नजर आ रहा है कि मेरा दम घुट रहा है, मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं, मेरी गर्दन पर से हट जाओ लेकिन पुलिसकर्मी उसकी बात नहीं सुनता है। वहां खड़े अन्य पुलिसकर्मी भी रास्ते से गुजरते लोगों की चेतावनी को अनदेखा कर देते हैं। इसी दौरान 10 मिनट के अंदर वो अचेत हो जाता है और उसकी मौत हो जाती है।
चार आरोपी पुलिसकर्मियों की नौकरी गई
इस घटना का फुटेज सामने आने के बाद मिनेसोटा प्रांत के मिनियापोलिस पुलिस विभाग ने घटना के वक्त मौजूद चार आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें नौकरी से निकाल दिया है। इस मामले में मृतक के परिजन आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।
टाइम मैगजीन ने 2015 में छापा था कवर पेज
करीना ने 5 साल पुराने जिस कवर पोज का फोटो शेयर किया, उसे मैगजीन ने अपने 11 मई 2015 के एडिशन में छापा था। दरअसल उस समय अमेरिका के बाल्टीमोर शहर में पुलिस हिरासत में एक अश्वेत नागरिक की मौत के बाद वहां जमकर विरोध-प्रदर्शन हुए थे। कवर पेज पर इस्तेमाल की गई तस्वीर के जरिए ये कहने की कोशिश की गई थी कि 1968 से 2015 के बीच अश्वेतों को प्रति पुलिस का व्यवहार नहीं बदला है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ घटना का वीडियो
This is honestly so horrible. Police are supposed to PROTECT us. What they did to George was not acceptable but cruel.#BlackLivesMatter #GeorgeFloyd #JusticeForGeorgeFloyd
pic.twitter.com/quLBlSTqlu— ???????? ? (@fairytaee_) May 28, 2020