- ज्येष्ठ अष्टमी पर मनाया जाता है खीर भवानी मां का अवतरण दिवस
दैनिक भास्कर
May 30, 2020, 06:13 PM IST
हर साल ज्येष्ठ मास की अष्टमी तिथि पर जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के तुलमुला गांव में स्थित खीर भवानी माता का मेला आयोजित होता है। यहां ज्येष्ठ अष्टमी पर देवी मां का अवतरण दिवस मनाया जाता है। 30 मई को ज्येष्ठ अष्टमी पर भी माता के मंदिर में विशेष पूजा की गई। इस बार कोरोना वायरस की वजह से नेशनल लॉकडाउन है, ऐसी स्थिति में खीर भवानी माता का मेला आयोजित नहीं हो सका है। हर साल यहां मेले में 80 हजार से ज्यादा लोग शामिल होते हैं, लेकिन इस साल शासन के नियमों को ध्यान में रखते हुए मंदिर बंद था। खीर भवानी मंदिर में पुजारी ने पुरानी परंपरा के अनुसार पूजन कर्म किए। इस पूजा में बहुत कम लोगों की उपस्थिति थे। लोगों ने मंदिर के दरवाजे पर खड़े रहकर देवी मां की पूजा की।
तुलमुला गांव के माता रगन्या देवी मंदिर में पुराने समय से ही वसंत ऋतु में खीर चढ़ाने की परंपरा रही है। इसी वजह से इसे खीर भवानी मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर की एक खासियत ये है कि यहां एक कुंड है, जब भी कश्मीर पर कोई आफत आने वाली होती है तो इस कुंड के पानी का रंग बदल जाता है।
रामायण काल से जुड़ी है मंदिर की मान्यता
खीर भवानी मंदिर की मान्यता रामायण काल से जुड़ी है। माना जाता है कि यह देवी पहले रावण की लंका में स्थापित थीं और बाद में हनुमानजी लंका से देवी मां को यहां ले आए। यहां कथा प्रचलित है कि रावण देवी मां का परम भक्त था और देवी खीर भवानी के मंदिर की स्थापना लंका में रावण ने ही की थी। रावण की गलत आदतों से देवी रुष्ट हो गईं और उन्होंने श्रीराम के भक्त हनुमान को आदेश दिया कि वे उनकी मूर्ती को लंका से हटाकर कहीं और स्थापित करें। तब हनुमान ने मूर्ति को कश्मीर के तुलमुल गांव में स्थापित कर दिया।