May 4, 2024 : 12:17 PM
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इसराइल हमास युद्ध: ग़ज़ा, जहाँ हर दस मिनट पर एक बच्चे की मौत हो रही है

इसराइल ग़ज़ा संघर्ष

शनिवार, सात अक्टूबर की सुबह फलस्तीनी चरमपंथी गुट हमास ने इसराइल पर हमला कर दिया. इसराइल पर हुआ ये हमला अभूतपूर्व था.

इसराइली अधिकारियों का कहना है कि हमास के हमले में लगभग 1400 लोग मारे गए थे. हमास के चरमपंथी 200 से अधिक लोगों को बंधक बनाकर ले गए.

उस रोज़ के बाद अब एक महीने से ज़्यादा वक़्त बीत गया है. जवाबी कार्रवाई में इसराइल के हवाई हमले जारी हैं.

और ग़ज़ा पट्टी में हालिया किए गए इसराइली ग्राउंड अटैक में हज़ारों लोग मारे गए और वहां बड़े पैमाने पर तबाही हुई है.हमास और इसराइल का ये संघर्ष जब से शुरू हुआ है, दोनों ही पक्षों के हज़ारों लोग मारे जा चुके हैं और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं.

इसराइल का कहना है कि हमास के सात अक्टूबर के हमले की वजह से 1400 से अधिक इसराइली लोगों और विदेशी नागरिकों की मौत हुई है.

ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने हमास पर प्रतिबंध लगा रखा है.

इसराइल ने सात अक्टूबर के हमले में मरने वाले लोगों में 1159 लोगों की पहचान की है. इनमें 828 आम नागरिक और 31 बच्चे थे.

इस बीच, फलस्तीन में इसराइल की जवाबी कार्रवाई पांचवें हफ़्ते में दाखिल हो गई है और वेस्ट बैंक और ग़ज़ा में मरने वालों का आंकड़ा अप्रत्याशित स्तर पर पहुंच गया है.

ग़ज़ा में स्वास्थ्य सुविधाओं की देखरेख का जिम्मा हमास के हवाले है. छह नवंबर को ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इसराइल की जवाबी कार्रवाई में 10 हज़ार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं.

इन आंकड़ों में 4100 से अधिक बच्चे हैं यानी ग़ज़ा में हरेक दस मिनट पर औसतन एक बच्चे की मौत हो रही है.

हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन समेत कुछ राजनेताओं ने फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ़ से दिए गए इन आंकड़ों के सटीक होने पर सवाल उठाया है.

लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि वो इन आंकड़ों को भरोसेमंद मानता है.

इसराइली अधिकारियों का कहना है कि इस संघर्ष में उसके लगभग 5400 लोग घायल हुए हैं.

दूसरी तरफ़, फलस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इसराइल की जवाबी कार्रवाई में ग़ज़ा और वेस्ट बैंक में 25,400 से अधिक लोग घायल हुए हैं.

ग़ज़ा में लगभग 2260 लोग लापता हैं जिनमें 1270 बच्चे हैं.

इनमें से ज़्यादातर लोगों के बारे में अंदाज़ा है कि वो इसराइली बमबारी में ज़मींदोज़ हुई इमारतों के मलबे तले दफ़्न हो सकते हैं.

सहायताकर्मियों की हत्या

ग़ज़ा में हमास द्वारा संचालित फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि पांच नवंबर तक ग़ज़ा पट्टी में 35 में से 16 अस्पताल और 76 में से 51 मेडिकल सेंटर्स अब इस्तेमाल के लायक नहीं रह गए थे.

उन्होंने इसके लिए इसराइली हमलों और ईंधन की कमी को जिम्मेदार ठहराया है.

फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़ 50 एम्बुलेंसों को नुक़सान पहुंचा है. उनमें 31 अब आउट ऑफ़ सर्विस हो गए हैं और कम से कम 175 स्वास्थ्यकर्मियों की मौत हुई है.

अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के तहत सहायताकर्मियों और मेडिकल सेवाओं से जुड़े लोगों और स्वास्थ्य केंद्रों को हर हाल में बचाया जाना चाहिए.

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