May 2, 2024 : 7:32 AM
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कोरोना में हुई दुकान बंद, हार नहीं मानी स्वयं के साथ 350 परिवारों को भी बना दिया संबल

रहीसा बेगम अपने गांव ही नहीं समीपवर्ती अन्य गांवों की महिलाओं के लिये रोल माडल बन गई हैं। रहीसा ने अपने हौसले व जज्बे की बदौलत अपने घर में ही नहीं गांव की अन्य महिलाओं के घरों में खुशियों के रंग भर दिए हैं। घोर गरीबी से दो – चार रहीं रहीसा पहले खुद आत्मनिर्भर बनीं और फिर गाँव की अन्य महिलाओं को आत्मनिर्भरता की राह दिखाई। कोरोना संकट के समय रहीसा की कास्मेटिक की दुकान बंद हो गई, लेकिन उसने पीएम स्वनिधि योजना का लोन लेकर कोरोना में मास्क आदि बनाए। इसके बाद उसने स्कूल की ड्रेसों को बनाया और स्वयं सहायता समूह में 350 महिलाओं को जोडकर सभी को आमदनी का मार्ग बताया।महिला सशक्तिकरण एवं आत्मनिर्भर बनने की यह सच्ची दास्तां ग्वालियर जिले के डबरा विकासखण्ड के ग्राम कल्याणी निवासी रहीसा बेगम की है। वे बताती हैं कि जब वैश्विक महामारी कोरोना ने पांव पसारे और लाकडाउन लगा तो हमारी कास्मेटिक सामान की दुकान बंद होने की कगार पर आ गई। ऐसे विपरीत हालात में हमने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री पथ विक्रेता ग्रामीण योजना से मुझे बड़ा संबल मिला। इस योजना के तहत हमें बिना ब्याज के 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद मिली, इससे हमने सामान खरीदकर अपनी दुकान भर ली और हमारे परिवार की गाड़ी फिर चल पड़ी।रहीसा बेगम राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बने अली स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष हैं। वे बताती हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की अवधारणा को साकार करने के लिए स्व-सहायता समूहों को मास्क बनाने और स्कूल की यूनीफार्म तैयार करने का काम सौंपा। हमने समूह की 13 सदस्यों सहित सिलाई करने वाली गांव की 70 महिलाओं का एक संकुल बनाया और मास्क तैयार करने में जुट गईं। मास्क तैयार करने से रहीसा बेगम को लगभग 25 हजार और उनकी साथी महिलाओं को 8 से 10 हजार रुपये का फायदा हुआ। रहीसा ने अपने समूह के अलावा अपने गांव एवं समीपवर्ती गांवों में 30 स्व-सहायता समूहों का गठन कराया है। जिनसे जुड़कर लगभग 350 महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाए हैं। ये महिलायें कहती हैं कि रहीसा बेगम ने कल्याणी गांव का कल्याण कर दिया है।समूह से आर्थिक मदद लेकर रहीसा बेगम ने अपने पति सिकंदर के लिए गांव में ही सब्जी की दुकान खुलवा दी। दुकान से आमदनी बढ़ी तो अपने बड़े बेटे को लाईट-टेंट का सामान दिलवा दिया। अब गांव के कार्यक्रमों में रहीसा बेगम का ही टेंट लगता है। टेंट से आमदनी बढ़ी तो रहीसा ने मुद्रा योजना के तहत आर्थिक मदद लेकर गांव में कोसमेटिक की दुकान खोल ली। अब रहीसा के घर के तीन सदस्य अलग-अलग आर्थिक गतिविधियों से कमाई कर रहे हैं। रहीसा ने धूमधाम के साथ अपनी बेटी की शादी भी कर दी है। उनका छोटा बेटा इरफान बी फार्मा की पढ़ाई कर रहा है।

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