भोपाल. भोपाल के रिहायशी इलाके में फिर बाघ का मूवमेंट हो रहा है. लेकिन इस बार बाघ भोज विश्वविद्यालय के कुलपति के बंगले में जा पहुंचा है. ये भोपाल का कोलार इलाका है जो बेहद घना बसा हुआ है और यहां बड़ी आबादी रहती है.
भोपाल स्थित भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति के बंगले में टाइगर की दहशत है. बंगले की पीछे की टूटी हुई दीवार से टाइगर कुलपति के बंगले तक पहुंचा. वन विभाग की टीम ने कुलपति के बंगले से पग मार्क लिए लेकर सर्चिंग की. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर यहां टाइगर की मौजूदगी की पुष्टि हुई है. 2 साल में बाद यह दूसरी बार है जब टाइगर बंगले तक आ पहुंचा है.
सीसीटीवी फुटेज से पुष्टि
भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति जयंत सोनवलकर हैं. बाघ इन्हीं के बंगले के कैंपस में देखा गया. उनका कहना है बंगले के बाहर गार्ड नाइट ड्यूटी में थे. उसी दौरान गार्ड को पीछे से गुर्राने जैसी आवाज आई. गार्ड को लगा कि कोई कुत्ता होगा. पीछे जाकर देखा तो टाइगर या तेंदुआ जैसा नजर आया. फौरन इसकी सूचना पुलिस और वन विभाग को दी गयी. घर के दरवाजे के पीछे पग मार्ग भी मिले थे. वन विभाग की टीम ने सुबह घर की सर्चिंग की. घर में लगे सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद वन विभाग ने टाइगर के घर के कैंपस में घुसने की पुष्टि की है. सीसीटीवी फुटेज के बाद पूरी तरह से स्पष्ट हुआ कि टाइगर ने ही बंगले में दस्तक दी थी. यूनिवर्सिटी की दीवार वाल्मी से लगी हुई है. कलियासोत के जंगल से निकलकर वाल्मी के रास्ते टाइगर यूनिवर्सिटी के कैंपस तक पहुंच रहे हैं.
टूटी दीवार से कैंपस में घुसा टाइगर
भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति जयंत सोनवलकर का कहना है 2 साल पहले एक बाघिन बंगले के कैंपस तक पहुंच गयी थी. तब बंगले की पीछे की दीवार 13 फीट थी. दीवार फांद कर ही बाघिन अंदर घुसी थी. उसके बाद दीवार की ऊंचाई बढ़ाकर 15 फीट करवा दी गयी थी. ये दीवार बीच में टूट गयी है. इसी रास्ते से बाघ कैंपस में आसानी से घुस आया.
एक महीने पहले स्वर्ण जयंती पार्क में घुसा था तेंदुआ
भोज मुक्त विश्वविद्यालय में टाइगर की दहशत है. इससे पहले इसी इलाके में स्वर्ण जयंती पार्क में भी एक महीने पहले तेंदुआ घुस आया था. उसके बाद सैर करने वालों के लिए सुरक्षा की दृष्टि से पार्क बंद कर दिया गया था. स्वर्ण जयंती पार्क में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. वन विभाग ने लगातार तेंदुए की तलाश की लेकिन वो कहीं नहीं मिला था.