यूक्रेन में रूसी हमले की आशंका के बीच पश्चिम के देशों की घरेलू राजनीति में भी ख़ासी गहमागहमी है.
इस बीच भारत के दौरे पर आए जर्मनी के नेवी प्रमुख काई आखन सोनबर का बयान काफ़ी विवादित हुआ और उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा.
जर्मन नेवी प्रमुख ने यूक्रेन संकट पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लेकर बयान दिया था. उन्हें इसी बयान के कारण शनिवार को इस्तीफ़ा देना पड़ा.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, जर्मन नेवी प्रमुख ने कहा था, ”मैंने रक्षा मंत्री से तत्काल कार्यमुक्त करने का आग्रह किया है. रक्षा मंत्री ने मेरा आग्रह स्वीकार कर लिया है.”रॉयटर्स के अनुसार, वाइस एडमिरल सोनबर ने अपने बयान के लिए माफ़ी मांगी है. उन्होंने कहा, ”भारत में जल्दबाज़ी में दिए गए मेरे बयान से मेरे ऑफ़िस में तनाव बढ़ गया था. जर्मन नेवी, जर्मन सेना और अपने मुल्क का और कोई नुक़सान नहीं हो, इसलिए मैंने इस्तीफ़ा देने का फ़ैसला किया.’
जर्मन नेवी प्रमुख काई आखन सोनबर ने क्या कहा था?
जर्मन नेवी प्रमुख 20 जनवरी को भारत आए थे. उन्होंने मनोहर पर्रिकर डिफ़ेंस इंस्टीट्यूट फ़ॉर डिफ़ेंस स्टडीज़ एंड एनालिसिस में बोलते हुए कहा था कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन संभवतः आदर के योग्य हैं.
सोनबर ने अंग्रेज़ी में बोलते हुए कहा था, ”पुतिन सम्मान चाहते हैं. किसी को सम्मान देने में कोई लागत नहीं लगती है. उन्हें आदर देना कोई मुश्किल काम नहीं है. वह सम्मान ही चाहते हैं और मुझे लगता है कि शायद वो इसके योग्य हैं. रूस एक पुराना और अहम मुल्क है.”
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जर्मन नेवी प्रमुख ने कहा था, ”यूक्रेन में रूस की कार्रवाई का समाधान ज़रूरी है. यूक्रेन से क्रीमिया जा चुका है और यह उसे कभी वापस नहीं मिलेगा. यही सच है.”
जर्मन नेवी प्रमुख ने कहा था, ”पुतिन शायद ईयू पर दबाव डाल रहे हैं ताकि वहाँ भी यूक्रेन को लेकर आवाज़ एक जैसी ना हो. रूस एक अहम देश है और यहाँ तक कि भारत, जर्मनी दोनों को चीन के ख़िलाफ़ रूस की ज़रूरत है. मैं एक उग्र रोमन कैथोलिक हूँ. मैं गॉड में भरोसा करता हूँ. मैं ईसाइयत में भरोसा करता हूँ. भले पुतिन नास्तिक हैं लेकिन एक बड़ा ईसाई मुल्क हमारे पास में है.”